पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन
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हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन रग रग हिन्दू युक्त अटल।
आज जगत के इस बन्धन को त्याग हो गए मुक्त अटल।।
नैतिकता के मानदंड थे प्रेम राग के अनुरागी
सर्वधर्म समभाव के असली आप थे सच्चे अनुगामी
सकल विश्व में भारत की जो मान-प्रतिष्ठा आज बढ़ी
उसकी गाथा अटल बिहारी के द्वारा परवान चढ़ी
विश्व पटल पर एक शक्ति सम्पन्न राष्ट्र है भारत जो
आप हैं कारण, परमाणु से किया आपने युक्त अटल।।1।।
तेज आपका भेष आपका वाणी प्रखर अनूठी थी
उस का फल है जागी किस्मत जो भारत से रूठी थी
सभागार संयुक्त राष्ट्र का अभिभूत सुन अभिभाषण
हम हिंदी के यशवर्धन का कैसे भूलेंगे वह क्षण?
भारतवर्ष की नवल चेतना के वाहक थे पोषक थे
राजनीति के उच्च शिखर उत्तम विचार से युक्त अटल ।।2।।
छोड़ गए हम सब को क्षति जो हुई न अब पूरी होगी
अटल आपके बिना हिन्द की गाथा सदा अधूरी होगी
सत्ता के गलियारों में काजल की छींट भी लगी नहीं
हे भारत के रत्न पुरुष कोई और उदाहरण आज नहीं
अलग सोच थी, अलग लक्ष्य थे सबके अपने मार्ग अलग
किन्तु विविध धाराओं को कर ही गए संयुक्त अटल।।3।।
विश्व उदासी में है भारत का कण कण विह्वल व्याकुल
हिन्द देश के हर वासी का मन अतिशय है शोकाकुल
हे भारत के स्वाभिमान तन छोड़ कहाँ प्रस्थान हुआ
जनता रो रो कर कहती इक युग का अब अवसान हुआ
हे विराट युग पुरुष आपको शब्दों में कैसे ढाले
मुरझाए पंकज के लाखों भाव अभी अनुक्त अटल।।4।।
मेलिक अप्रकाशित
Comment
आदरणीय नवल किशोर जी बहुत बहुत आभार
आदरणीय नवीन जी बहुत बहुत आभार
सुंदर रचना हेतु बधाई।
आ0 पंकज मिश्रा जी बहुत सुंदर रचना हेतु बधाई।
भाई अजय जी बहुत बहुत आभार
बहुत सुन्दर , अटल जी को श्रद्धांजलि...
कृपया बधाई स्वीकार करें
आदरणीय बाऊजी सादर प्रणाम और बहुत सारा आभार
आदरणीय उस्मानी सर सादर प्रणाम और आभार
अज़ीज़म पंकज कुमार मिश्रा जी आदाब,
बेहतरीन श्रद्धांजलि सृजन। हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस प्रस्तुति पर ।
बेहतरीन श्रद्धांजलि सृजन। हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय पंकज कुमार मिश्रा 'वात्स्यायन' साहिब
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