For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन पर कुछ दोहे :

जीवन पर कुछ दोहे :

जीवन नदिया आस की, बहती जिसमें प्यास।
टूटे सपनों का सहे, जीव सदा संत्रास।१ ।

जीवन का हर मोड़ है, सपनों का भंडार।
अभिलाषा में जीत की, छिपी हुई है हार।२ ।

जीवन पथ निर्मम बड़ा, अनदेखा है ठौर।
करने तुझको हैं पथिक,सफ़र सैंकड़ों और।३।

जीवन उपवन में खिलें, सुख -दुख रूपी फूल।
अपना -अपना भाग्य है फूल मिलें या शूल।४ ।

मिथ्या जग में जीत है, मिथ्या जग में हार ।
जीवन का हर मोड़ है, सपनों का संसार।५।

छाया अपनी झूठ है, झूठा है संसार।
मुट्ठी भर है ज़िंदगी, जीवन का शृंगार ।६।

फुटपाथों पर भूख के, सजे हुए बाज़ार।
कितना नंगा सत्य है, ये क्षुधार्त संसार।७।

जीवन आदि अंत का, अद्भुत है संसार।
एक पृष्ठ पर जीत है, एक पृष्ठ पर हार।८ ।


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 533

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on June 17, 2020 at 9:27pm

आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ, हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on June 17, 2020 at 9:27pm

आदरणीय  Samar kabeer जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ, हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on June 17, 2020 at 9:27pm

आदरणीय  अमीरुद्दीन 'अमीरजी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ, हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on June 17, 2020 at 9:26pm

आदरणीय  डॉ छोटेलाल सिंहजी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ, हार्दिक आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 4, 2020 at 6:33pm

आ . भाई सुशील जी, सादर अभिवादन । अच्छे दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on June 4, 2020 at 11:40am

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छे दोहे लिखे आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on June 4, 2020 at 8:51am

आदरणीय सुशील सरना जी, आदाब। आपने जो जीवन की वास्तविकता को उकेर कर शब्दों को दोहा रूपी सच्चे मोतियों की माला में पिरो कर इतने सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है, ऐसा कम ही मिलता है। बहुत धन्यावाद और बधाईयाँ स्वीकार करें।

"जीवन नदिया आस की, बहती जिसमें प्यास।

 टूटे सपनों का सहे, जीव सदा संत्रास।"

"जीवन आदि अंत का, अद्भुत है संसार।

 एक पृष्ठ पर जीत है, एक पृष्ठ पर हार।"       लाजवाब ।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on June 4, 2020 at 7:32am
  • आदरणीय सुशील सरना जी जीवन की सच्चाई को आपने दोहे में उकेरा है ,सच मे एक पृष्ठ पर जीत और एक पर हार, बहुत बढ़िया लिखा आपने दिल से बधाई कुबूल कीजिए

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service