For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल नूर की- नहीं जो था होना वो सब हो रहा है

नहीं जो था होना वो सब हो रहा है
निज़ाम-ए-ख़ुदा में ग़ज़ब हो रहा है.
.
इबादत में कैसा शग़ब हो रहा है                  शग़ब- कोलाहल 
धड़क-कर ये दिल बे-अदब हो रहा है.
.
ज़रूरी नहीं कोई मक़सद हो अपना
बहुत कुछ यहाँ बे-सबब हो रहा है.
.
मेरी रूह ने रब को लिक्खी है चिट्ठी
लिखा है क़फ़स में ग़ज़ब हो रहा है.
.
बहुत चीखता था जो इक झूठ पहले
वो सच देख कर ख़ुश्क-लब हो रहा है.
.

निलेश "नूर"
मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 471

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on May 18, 2023 at 4:54pm

जी, बहतर है ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 18, 2023 at 4:52pm

आ. समर सर,
आ. अशोक जी का फोन आया था, उन्हें सार्वजनिक रूप से इस्लाह करने में हिचकिचाहट थी. हालाँकि मैंने आग्रह भी किया कि यदि आप यहीं टिप्पणी करेंगे तो अन्य साथी भी लाभान्वित होंगे..
लेकिन अच्छी सलाह को मानना और उसे यथोचित सम्मान देना मेरा कर्तव्य जान कर मैंने यहाँ उनके नाम का ज़िक्र किया है. 
आज ऑफिस में व्यस्तता के चलते मिसरे तरमीम नहीं कर पा रहा हूँ, कल पेश करूँगा .
सादर 

Comment by Samar kabeer on May 18, 2023 at 4:47pm

//अशोक गोयल सर के सुझाव पर कुछ मिसरे तरमीम किए हैं जिन्हें//

जनाब अशोक गोयल साहिब के सुझाव तो कहीं नज़र नहीं आ रहे हैं?

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 18, 2023 at 4:02pm

आ. अशोक गोयल सर के सुझाव पर कुछ मिसरे तरमीम किए हैं जिन्हें कल पोस्ट कर सकूंगा।

आभार आ.गोयल सर

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 17, 2023 at 6:16pm

धन्यवाद आ. सुरेन्द्र भाई जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 17, 2023 at 6:16pm

धन्यवाद आ. बृजेश जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 17, 2023 at 6:16pm

धन्यवाद आ. रचना जी 

Comment by नाथ सोनांचली on April 4, 2023 at 1:49pm

आद0 नीलेश नूर जी सादर अभिवादन। आपकी ग़ज़लें मुझे हमेशा प्रभावित करती हैं। बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने। बधाई

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 31, 2023 at 11:54am

अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय नीलेश जी...

Comment by Rachna Bhatia on March 8, 2023 at 8:25pm

आदरणीय निलेश 'नूर' जी बहुत ख़ूब ग़ज़ल है, बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
17 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"वाह। आप तो मुझसे प्रयोग की बात कह रहे थे न।‌ लेकिन आपने भी तो कितना बेहतरीन प्रयोग कर डाला…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय गिरिराज जी।  नीलेश जी की बात से सहमत हूँ। उर्दू की लिपि…"
Saturday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. अजय जी "
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"मोर या कौवा --------------- बूढ़ा कौवा अपने पोते को समझा रहा था। "देखो बेटा, ये हमारे साथ पहले…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"जी आभार। निरंतर विमर्श गुणवत्ता वृद्धि करते हैं। अपनी एक ग़ज़ल का मतला पेश करता हूँ। पूरी ग़ज़ल भी कभी…"
Saturday
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"क़रीना पर आपके शेर से संतुष्ट हूँ. महीना वाला शेर अब बेहतर हुआ है .बहुत बहुत बधाई "
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"हार्दिक स्वागत आपका गोष्ठी और रचना पटल पर उपस्थिति हेतु।  अपनी प्रतिक्रिया और राय से मुझे…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"आप की प्रयोगधर्मिता प्रशंसनीय है आदरणीय उस्मानी जी। लघुकथा के क्षेत्र में निरन्तर आप नवीन प्रयोग कर…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश जी। बधाई स्वीकार करें।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service