क्यों आज तुम्हे अब चैन नहीं है महलों में?,
Comment
vah kya bat kah gaye ho yar ....damdar ...rachan khij or khilli nikalata hua bahut badhiya .
आज हमारा ध्यान हुआ किस कारण से?
SUNDAR SHABDON KA SHABDJAAL........ACHHA LAGA...
आदरणीय श्री राणा प्रताप जी, आपको ये कविता अच्छी लगी मै धन्य हुआ.
आशीष जी,....आपकी ज़रखेज़ कलम को सलाम है हम सबके आक्रोश को आपने एक आवाज दे दी है कि "चेत जाओ वरना महँगा पडेगा"...आपकी लेखनी कि धार उभर कर सामने आई है इस कविता में...इसे यूँ ही बनाए रखें|
guru ji, dhanyawaad.
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