For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिससे इंसां का भी दर्जा नहीं पाया हमने......

जिनसे इंसां का भी दर्जा नहीं पाया हमने,

मुद्दतों ऐसे ही इंसानों को पूजा हमने.

.

प्यार की पौध के मिटने से तो मर जायेंगे,

खून के अश्क से बागान को सींचा हमने.

.

हाँ उजाला नहीं होना मेरी इन राहों में,

शम्स ए पुरनूर से पाया ये अँधेरा हमने.

.

हमने मुंसिफ के भी हाथों में जो खंजर देखे,

कांपता दिल था मुक़दमा नहीं डाला हमने.

.

वहशी लोगों में किसी कांच से नाज़ुक हम थे,

हुज्जतों से बड़ी दामन ये बचाया हमने.

(कमी लगी तो इस्लाह की गुज़ारिश है....)

Views: 397

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by इमरान खान on August 6, 2012 at 12:50pm

बहुत बहुत शुक्रिया वीनस भाई

Comment by वीनस केसरी on April 23, 2012 at 2:58pm

सुन्दर भाव
बेहतरीन कहन

बधाई स्वीकारें

Comment by इमरान खान on April 23, 2012 at 9:50am

@राणा प्रताप जी!
तहे दिल से शुक्रिया आपका... :)
एक मतले की कमी..... मतले में कुछ कमी रह गयी या मुझे एक मतला और कहना चाहिए था .. थोरा इशारा करें तो समझने आसानी हो जाये...

Comment by इमरान खान on April 23, 2012 at 9:48am

@संदीप जी!
आपको मेरी कोशिश पसंद आई मसर्रतों का मुकाम है मेरा... बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by इमरान खान on April 23, 2012 at 9:47am

@प्रदीप कुमार जी!  शुक्रिया आपका


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on April 22, 2012 at 1:00pm

अच्छी गज़ल कही है इमरान भाई| मुकद्दमे वाला शेर अच्छा लगा| एक मतले की कमी भी खली|

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 21, 2012 at 8:32pm

हाँ उजाला नहीं होना मेरी इन राहों में,

शम्स ए पुरनूर से पाया ये अँधेरा हमने

वाह इमरान भाई... क्या ख़ूब ग़ज़ल कही आपने| ख़ास तौर पर इस शेर में जो विरोधाभास अलंकार है वो मुझे बड़ा भाया| मुबारकबाद क़ुबूल करिये| :-))

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 21, 2012 at 2:52pm

 हमने मुंसिफ के भी हाथों में जो खंजर देखे,

कांपता दिल था मुक़दमा नहीं डाला हमने.

.bahut khoob bhai ji. badhai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"वाह वाह वाह आदरणीय निलेश सर, बहुत समय बाद आपकी अपने अंदाज़ वाली ग़ज़ल पढ़ने को मिली। सारी ग़ज़ल…"
37 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. लक्ष्मण जी,वैसे तो आ. तिलकराज सर ने विस्तार से बातें लिखीं हैं फिर भी मैं थोड़ी गुस्ताखी करना…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण धामी जी"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"बहुत शुक्रिया आदरणीय तिलकराज कपूर जी, मैं सुधारने की कोशिश करता हूँ।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश जी फिलबदी है, कल आपकी ग़ज़ल में टिप्पणी के बाद लिखा है।"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,जल्दबाज़ी में मतले को परिवर्तित करने के चलते अभी संभावनाएं बन रही हैं कि समय के साथ…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. तिलकराज सर,आपकी विस्तृत टिप्पणी ने संबल मिला है.मैं स्वयं के अशआर को बहुत कड़ी परीक्षा से…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"श्रद्धेय श्री तिलक राज कपूर जी, आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक  पहुँचे, आपका अतिशय आभार, …"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल तक आप आये और अपना बहुमूल्य समय दिया, आपका आभारी…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका "
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय गुरमीत सिंह जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका छतरी की मात्रा गिराने हेतु आपकी चिंता ठीक…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service