छन्न पकैया .......
Comment
हा हा हा हा .. जी ज़रूर, सौभाग्य होगा मेरा.. आऊंगा तो ज़रूर मिलूँगा सर
Dr.Prachi Singh ....right mam.
दुष्यंत सेवक ....kabhi to nanihal aao...
MAHIMA SHREE ....meri khushkismati...
आशीष यादव ....aabhar bhai ji.
and
rajesh kumari mam..shukriya aap ko meri bat chhoo gai.
वाह अविनाश जी छन्न पकैया के माध्यम से ग्रीष्म ऋतू का पूरा वर्णन कर डाला बहुत सुन्दर सामयिक छन्न पकैया
छन्न पकैया - छन्न पकैया,लस्सी,कुल्फी,मठ्ठा,
यह छन् पकैया विदर्भ की भीषण गर्मी की उपज है जो आदरणीय बागडे साहब नागपुर में भोग रहे हैं .. खैर अच्छे छंद पकाए हैं सर नागपुर की गर्मी में :)
छन्न पकैया - छन्न पकैया, गौरैया बेहाल!
नल के ऊपर चोंच मारते, जीना हुआ मुहाल.
How wonderfully the status of ground water depletion is reflecting in these lines.
Best wishes respected Avinash Ji.
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