For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जुदा सारे जहां से गाँव अब भी गाँव है

हमारी फिक्र थी ये गाँव अब भी गाँव है
सियासत के करम से गाँव अब भी गाँव है

मखमली सेज सूखी घास से देखो बनी
महल सी झोपड़ी में गाँव अब भी गाँव है

मिलेगी छाँव बरगद नीम पीपल की घनी
मिटे हर पीर जाके गाँव अब भी गाँव है

ख़ुशी हर चेहरे में औ दर्द दिल में दफ़न
रंज औ गम भुलाके गाँव अब भी गाँव है

सखी ऐसे तके है राह हाये प्रियतम की
बिछाये चश्म अपने गाँव अब भी गाँव है

परेशाँ आदमी बिजली लगे जादूगरी
बिना बिजली अधूरे गाँव अब भी गाँव है

रिवाजो रश्म की इबरत मिले हर-सू ऐसी
दिलों से दिल लगाले गाँव अब भी गाँव है

मवेशी हैं यहाँ पर दूध की नदिया बहे
पले हैं शहर जिससे गाँव अब भी गाँव है

पुजा हर एक सजर रब सा पुजा पत्थर यहाँ
इबादत सीख इससे गाँव अब भी गाँव है

फरेबी ढूँढने से "दीप" एक पाया नहीं
जुदा सारे जहां से गाँव अब भी गाँव है


संदीप कुमार पटेल "दीप"

Views: 525

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 15, 2012 at 10:05am

सादर वन्दे Ganesh Jee "Bagi" सर जी 
आपकी प्रतिक्रिया का जो आशीर्वाद मिला है उससे मेरा लिखना सार्थक हो गया सर जी
अपना ये स्नेह और आशीर्वाद ऐसे ही बनाये रखिये आपका सादर आभार

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 15, 2012 at 10:03am

आपका बहुत बहुत धन्यवाद PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA सर जी आपका सादर आभारी हूँ

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 15, 2012 at 10:02am

आपकी प्रतिक्रिया से उत्साह दोगुना हो जाता है rajesh कुमारी जी आपका सादर आभार और ह्रदय से शुक्रिया

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 15, 2012 at 10:01am

बहुत बहुत शुक्रिया आपका Nilansh  जी ...सादर आभार

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 15, 2012 at 10:00am

बहुत बहुत शुक्रिया आपका अजय जी .........आपने अपना कीमती वक़्त दिया उसके लिए आभार


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 15, 2012 at 9:43am

//सखी ऐसे तके है राह हाये प्रियतम की
बिछाये चश्म अपने गाँव अब भी गाँव है//

वाह वाह संदीप जी, क्या रदीफ़ लिया है, आनंद आ गया , सभी शेर बहुत ही अच्छे लगें , दाद कुबूल करें भाई |

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 13, 2012 at 3:38pm

vaah sandip ji , sab kuch hai vahan par hain ganv. badhai,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 13, 2012 at 12:06pm

पुजा हर एक सजर रब सा पुजा पत्थर यहाँ
इबादत सीख इससे गाँव अब भी गाँव है....बहुत सुन्दर भाव पूर्ण रचना गाँव फिर भी गाँव हैं सही कहा है 

Comment by Nilansh on May 12, 2012 at 8:48pm

मिलेगी छाँव बरगद नीम पीपल की घनी
मिटे हर पीर जाके गाँव अब भी गाँव है


bahut sunder sandip bhai

Comment by AjAy Kumar Bohat on May 12, 2012 at 8:27pm

aapne to gaanv ki yaad dila di.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service