For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

सांसे जब तक चलती हैं

तब तक चलता है

सुख- दुःख का एहसास 

मान -अपमान की पीडाएं 

उंच -नीच , जात -पात  का भेद

सम्पन्नता -विपन्नता का आंकलन

नहीं मिलने मिलाने के उलाहने

प्रतियोगिता की अंधी दौड़

एक दुसरे को मिटा डालने का षड़यंत्र

सांसे जब तक टूटती हैं

उस क्षण को

ग्लानी से भरता है मन

और छोड़ देता है तन को

बची रह जाती है

उसकी कुछ यादें

अंततः कुछ भी नहीं बचता शेष

और फिर से शुरू हो जाती हैं

ये सारी प्रवंचनाएं

23july2008

Views: 731

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on June 4, 2012 at 10:04pm

आदरणीय प्रदीप सर, सादर प्रणाम  .. आपका आशीर्वाद मिल गया , लिखना सार्थक हो गया / स्नेह बनाये रखे

Comment by MAHIMA SHREE on June 4, 2012 at 10:02pm
आदरणीय योगी जी , कविता आपको पसंद आई , भाव आप सबको  अच्छे लगे . लिखना सार्थक हुआ /
सराहने के लिए आभारी हूँ / सहयोग बनाये रखे  
Comment by MAHIMA SHREE on June 4, 2012 at 9:59pm

आदरणीया प्राची जी ..  समय देकर अपना बहुमूल्य विस्तृत प्रतिक्रिया दिया, सराहा , उत्साहवर्धन किया , उसके लिए ह्रदय से आभारी हूँ , स्नेह बनाये रखे , धन्यवाद  

Comment by MAHIMA SHREE on June 4, 2012 at 9:51pm

संदीप जी व् अरुणेन्द्र जी .. आप दोनों को धन्यवाद / सहयोग बनाये रखे

Comment by MAHIMA SHREE on June 4, 2012 at 9:49pm

आदरणीया राजेश दी .. आपका हार्दिक आभार

Comment by Rekha Joshi on June 4, 2012 at 7:18pm

mahima ji ,

सांसे जब तक टूटती हैं

उस क्षण को

ग्लानी से भरता है मन

और छोड़ देता है तन कोsundr bhaav ,badhai 

Comment by chandan rai on June 4, 2012 at 4:57pm
महिमा जी ,
सांसे जब तक चलती हैं

तब तक चलता है

सुख- दुःख का एहसास

मान -अपमान की पीडाएं

उंच -नीच , जात -पात का भेद
जीवन के सत्य का अच्छा बखान किया है आपने

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 4, 2012 at 4:33pm

बहुत खूब !

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 4, 2012 at 4:15pm

स्नेही महिमा जी, शुभाशीष 

जीवन का निचोड़ चंद पंक्तियाँ में. 

जीते रहो. बधाई 

Comment by Yogi Saraswat on June 4, 2012 at 4:03pm

सांसे जब तक चलती हैं

तब तक चलता है

सुख- दुःख का एहसास 

मान -अपमान की पीडाएं 

उंच -नीच , जात -पात  का भेद

सम्पन्नता -विपन्नता का आंकलन

नहीं मिलने मिलाने के उलाहने

प्रतियोगिता की अंधी दौड़

एक दुसरे को मिटा डालने का षड़यंत्र

आदरणीय महिमा जी , सादर नमस्कार ! बहुत सुन्दर पंक्तियाँ दी हैं आपने ! इंसान जब तक जिन्दा है , ना जाने कैसे कैसे प्रपंच करता है , सांसें बंद तो सब कुछ बंद ! बेहतरीन प्रस्तुति

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service