For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घन गरज बरस प्यासी धरती पुकारे (रूप घनाक्षरी)

घन गरज बरस प्यासी धरती पुकारे ;
कृषक भी ताक रहे कब से ही आसमान |

मेघा टर्र-टर्र कर थकने लगे हैं जैसे ;
अब सुन ले उनकी अच्छा नहीं ये गुमान |

तुझ पर ही निर्भर खेती हमारे देश की ;
बिन तेरे हो जाएगी रूखी-सूखी सुनसान |

दे देंगी तेरी फुहारें कई लोगों को जिंदगी ;
झूम के सब करेंगे खूब तेरा गुणगान ||

Views: 903

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 12:16pm

waah !

bahut khoob !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 24, 2012 at 11:18pm
आदरणीय अरुण निगम सर, आपका हार्दिक आभार। स्नेह बनाए रखिएगा।
Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 24, 2012 at 11:16pm
आदरणीय राज तोमर जी, उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on June 24, 2012 at 10:18pm

घनाक्षरी में की गई प्रार्थना पूर्ण  हो. सुंदर छन्द.

Comment by Raj Tomar on June 24, 2012 at 9:36pm

बहुत ही शानदार कविता, कुमार साब. बधाई हो. :)

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 24, 2012 at 12:42pm
आदरणीया रेखा जी, आपने रचना को अपना समय दिया, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 24, 2012 at 12:40pm
आदरणीया राजेश जी, आपका हार्दिक आभार।
Comment by Rekha Joshi on June 24, 2012 at 11:33am

गौरव जी ,

तुझ पर ही निर्भर खेती हमारे देश की ;
बिन तेरे हो जाएगी रूखी-सूखी सुनसान |,बढ़िया प्रस्तुति

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 24, 2012 at 11:17am

सुन्दर प्रस्तुति 

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 24, 2012 at 10:48am
आदरणीय लक्ष्मण जी, हार्दिक आभार आपका। आज भी हमारे देश की खेती बहुत हद तक मौसमी बारिश की मोहताज है। ये नहीँ होना चाहिए। इसका प्रतिकूल प्रभाव पैदावार पर पड़ता है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service