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नीले नभ पर .,

उड़ चले पंछी ,
इक लम्बी उड़ान,
संग साथी लिए ,
निकल पड़े सब,
तलाश में अपनी ,
थी मंजिल अनजान .
अनदेखी राहों में 
जब हुआ सामना, 
था भयंकर तूफ़ान 
घिर गए चहुँ ओर से , 
और फ़स गए वो सब ,
इक ऐसे चक्रव्यूह में ,
अभिमन्यु की तरह ,
निकलना था मुश्किल ,
पर बुलंद हौंसलों ने ,
कर दिया नवसंचार ,
उन थके हारे पंखो में ,
भर दी इक नयी ताकत ,
उस कठिन घड़ी में ,
मिलकर उन सब ने ,
अपने पंखों के दम पे ,
टकराने का तूफान से ,
था साहस दिखलाया,
अपने फडफडाते परों से,
था तूफ़ान को हराया ,
हिम्मत और जोश लिए 
बढ़ चले वह  फिर से,
 इक अनजान डगर पे |

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Comment

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Comment by Yogi Saraswat on July 5, 2012 at 11:28am

साहस, हिम्मत ऐसी चीज़ें हैं , ऐसे गुण हैं जो हारी हुई बाज़ी को भी जिताने में सहायक होते हैं ! बहुत सुन्दर शब्द आदरणीय रेखा जोशी जी ! ये सच में होता है ! मैं सिर्फ आपकी रचना के सन्दर्भ में ही ये बात नहीं कह रहा हूँ ! आप डिस्कवरी चेनल पर रात को 9 बजे आने वाले कार्यक्रम " I  should  not  be  Alived  " देखिये ! सच में उनकी हिम्मत और सहनशीलता हमें एक रास्ता दिखाती है !

Comment by Rekha Joshi on July 5, 2012 at 11:09am

धन्यवाद राजेश जी ,ऐसे ही उत्साह बढ़ाते रहिये ,आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 5, 2012 at 10:33am

सफलता  वहीँ   मिलती है जहां होंसलों की उड़ान हो यही सन्देश दे रही है आपकी ये प्यारी रचना बहुत खूब रेखा जी 

Comment by Rekha Joshi on July 5, 2012 at 10:23am

उमाशंकर जी ,आपके कमेंट्स मेरे लिए महत्वपूर्ण है ,उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद 

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 4, 2012 at 11:24pm

जोश उल्लास पैदा कर देने वाली रचना सुन्दर प्रस्तुति

बधाई आदरणीय  रेखा जी

Comment by Rekha Joshi on July 4, 2012 at 8:10pm

आदरणीय लक्ष्मण जी,सादर नमस्ते ,हमारा आत्मबल ,साहस ही वह शक्ति है जो हर संघर्ष से जूझने की हिम्मत देता है ,आपको रचना पसंद आई ,आभार 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 4, 2012 at 7:51pm
इक ऐसे चक्रव्यूह में, अभिमन्यु की तरह,निकलना था मुश्किल,पर बुलंद हौंसलों ने,
कर दिया नवसंचार, उन थके हारे पंखो में ,भर दी इक नयी ताकत
बुलंद होंसलों का पैगाम देती अच्छी रचना के लिए बधाई रेखाजी |
Comment by Rekha Joshi on July 4, 2012 at 6:36pm

गौरव जी ,ऐसे ही स्नेह बनाते रखें ,आपका धन्यवाद 

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 4, 2012 at 6:15pm
आदरणीया रेखा जी, जोश और उत्साह का संचार करती रचना। बहुत सुंदर। बधाई।

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