मैं बंजर जमीं पे चमन ढूंढता हूँ
यूँ दिल को जलाते जलन ढूंढता हूँ
हैं हर-सू धमाके डराते दिलों को
है आतंक फिर भी अमन ढूंढता हूँ
था इतिहास में जो परिंदा सुनहरा
मैं वो हिंद औ वो वतन ढूंढता हूँ
जो लिपटे तिरंगा बदन से सुकूँ लूं
वो दो गज जमीं वो कफ़न ढूंढता हूँ
जो पैसा कमाना अभी सीखते हैं
मैं उनमे कलामो रमन ढूंढता हूँ
है अब की सियासत बुरी "दीप" लेकिन
वो उम्दा पुराना चलन ढूंढता हूँ
संदीप पटेल "दीप"
Comment
था इतिहास में जो परिंदा सुनहरा
मैं वो हिंद औ वो वतन ढूंढता हूँ
जो लिपटे तिरंगा बदन से सुकूँ लूं
वो दो गज जमीं वो कफ़न ढूंढता हूँ
बहुत ही सुन्दर खास के ये दो लाईन झकझोर कर रख दी संदीप जी बहुत सुन्दर है आपकी ये रचना
वाह संदीप सर,
बहुत उम्दा।
था इतिहास में जो परिंदा सुनहरा
मैं वो हिंद औ वो वतन ढूंढता हूँ ।
बेहतरीन शे'र और बेहतरीन गजल।
संदीप जी
जो लिपटे तिरंगा बदन से सुकूँ लूं
वो दो गज जमीं वो कफ़न ढूंढता हूँ
वाह बहुत खूब बहुत ही सुंदर रचना बधाई आपको
था इतिहास में जो परिंदा सुनहरा
मैं वो हिंद औ वो वतन ढूंढता हूँ
जो लिपटे तिरंगा बदन से सुकूँ लूं
वो दो गज जमीं वो कफ़न ढूंढता हूँ
प्रिय संदीप जी ..देश भक्ति से ओत प्रोत रचना ..जय हिंद ..जागो नवजवानों जागो आओ स्वप्न देखें उस सोने की चिड़िया के ...बधाई
आदरणीया डॉ साहिबा आपको ग़ज़ल पसनद आई मेरा लिखना सफल हो गया
आपका बहुत बहुत शुक्रिया और सादर आभार
आ. संदीप पटेल जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online