भाव निर्झरणी बहे बस है विनत यह कामना
जब लिखे दिल से लिखे कवि,सत्य हो या कल्पना
परख सत्यासत्य की रख ,सृजन पथ गढ़ते रहें
त्याग व्यष्टि समष्टि हित ,शब्द नद भरते रहें
कर नवल,चिंतन,मनन शुभ ,गूंथ माला काव्य की
शारदे माँ की हृदय से कवि करो तुम अर्चना
भाव निर्झरणी बहे बस है विनत यह कामना
जब लिखे दिल से लिखे कवि,सत्य हो या कल्पना
मनुजता हित नाद अनहद ,अटल दृढ विश्वास के
स्नेह सिंचित सुर सजादो,दिव्यतम आभास के
गरल विगलित बैर के हों ,प्रीत के मकरंद से
मधुरतम शाश्वत तरंगित, कवि रचो सुख-व्यंजना
भाव निर्झरणी बहे बस है विनत यह कामना
जब लिखे दिल से लिखे कवि,सत्य हो या कल्पना
Comment
बहुत बधाई सीमा अग्रवाल जी, आपके गीत से सुन्दर भावों की निर्झरनी बह रही है
आदरणीया सीमा जी,
पथ से भटकते कवियों को सार्थक सन्देश देती सुन्दर शब्द संयोजन और उससे भी सुन्दर भाव से सजी यह कविता अत्यंत पसंद आई! सादर,
धन्यवाद भ्रमर जी
मनुजता हित नाद अनहद ,अटल दृढ विश्वास के
स्नेह सिंचित सुर सजादो,दिव्यतम आभास के
गरल विगलित बैर के हों ,प्रीत के मकरंद से
मधुरतम शाश्वत तरंगित, कवि रचो सुख-व्यंजना
आदरणीया सीमा जी बहुत ही सुन्दर शब्द बन्ध रचना के और मानवता को बढ़ावा देने के परिप्रेक्ष्य में लिखी गयी प्यारी रचना सच में कवी लेख मीडिया का एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है काश लोग स्वार्थ से ऊपर उठ सत्य को सहेजें
धन्यवाद आदरणीय प्रदीपजी , आदरणीय योगराज जी एवं अम्बरीश जी
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मनुजता हित नाद अनहद ,अटल दृढ विश्वास के
स्नेह सिंचित सुर सजादो,दिव्यतम आभास के
गरल विगलित बैर के हों ,प्रीत के मकरंद से
मधुरतम शाश्वत तरंगित, कवि रचो सुख-व्यंजना
भाव निर्झरणी बहे बस है विनत यह कामना
जब लिखे दिल से लिखे कवि,सत्य हो या कल्पना//
आदरेया सीमा जी ! सर्वजन कल्याण की कामना के उद्देश्य से आप द्वारा रचित उपरोक्त गीत, भाव व शिल्प के स्तर पर अति समृद्ध है! जिसके लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें .... इस सुंदर गीत को साझा करने के लिए आपके प्रति हार्दिक आभार ....सादर
परख सत्यासत्य की रख ,सृजन पथ गढ़ते रहें
त्याग व्यष्टि समष्टि हित ,शब्द नद भरते रहें
कर नवल,चिंतन,मनन शुभ ,गूंथ माला काव्य की
शारदे माँ की हृदय से कवि करो तुम अर्चना
आदरणीय सीमा जी, सादर अभिवादन.
मनोकामना पूर्ण हो, बधाई.
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