प्रगति पथ पर चलो निरंतर
न किसी का भय न कोई डर
करना है कुछ अलग सा काम
चाहे हो जाए जीवन तमाम
पर चले चलो अ-विराम
कांटो सी राह पर चलते है जाना
सूरज की आग में जलते है जाना
रोशन करना है जग में नाम
चाहे हो जाए जीवन तमाम
पर चले चलो अ-विराम
कुछ जोश भरा हो मन में
कुछ उमंग बसी हो जीवन में
नहीं सोचन क्या होगा अंजाम
चाहे हो जाए जीवन तमाम
पर चले चलो अ-विराम...
रणवीर प्रताप सिंह
Comment
@अरुन शर्मा "अनन्त", @ Rekha Joshi , @ AVINASH S BAGDE, @Yogi Saraswat, aap sabka bahut bahut dhanywaad is kavita ko pasand karne ke liye... main prayasrat ki har baar kuch achcha likh sakoon... dhanywaad.
बेहद प्रेरणादायिक रचना बहुत -२ बधाई स्वीकार करें
कुछ जोश भरा हो मन में
कुछ उमंग बसी हो जीवन में
नहीं सोचन क्या होगा अंजाम
चाहे हो जाए जीवन तमाम
पर चले चलो अ-विराम..
अति सुंदर रचना पर बहुत बहुत बधाई रणवीर जी
रोशन करना है जग में नाम
चाहे हो जाए जीवन तमाम...B-POSITIVE..
wah प्रेरणादायक
कुछ जोश भरा हो मन में
कुछ उमंग बसी हो जीवन में
नहीं सोचन क्या होगा अंजाम
चाहे हो जाए जीवन तमाम
पर चले चलो अ-विराम...
सुन्दर , प्रेरणादायक शब्द
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