कुछ नए खेल ओलम्पिक के लिये........
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करोडो के देश में चंद लोग पदक पा कर देश का नम ऊँचा उठा रहें हैं....ये बात हजम नहीं हो रही है. उसमे से भी आधे वो लोग है जिन्हें किस्मत से भ्रूण-हत्या से निजात मिली और आज हम उनके गौरव के जुलूस में नारे लगा रहें हैं. हमारा दोगलापन भी हमारे-अपने तरह का ही है उसका कोई सानी नहीं......... हम विषय से भटक रहे हैं...सो ओलम्पिक में हमारे पदक जीतने लायक खेल ही शामिल नहीं किये जाते. पश्चिम देशों की मिलीभगत ने हॉकी तक को एश्त्रो-टर्फ और ना जाने कहाँ-कहाँ पटक कर लम्बा कर दिया और हमारे सितारे है कि आज क्वालीफाई होने के लिये भी लाचार होते हैं. इस चक्कर में मै सोचता हू कि कुछ खालिस देसी टाईप के खेलो की लिस्ट बनाई जाय और अगले ओलम्पिक हेतु ससम्मान भेज दी जाय.....
खेल न.१..
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भ्रूण-हत्या की रेस.....पहले लगता था की ये खेल खालिस देहाती इलाको में ही खेला जाता है मगर भाई आमिर खान ने आंकड़ो के हवाले से कह दिया की शहरों में भी इस खेल ने लोगो को आनंद दिया है. अब भाई क्वालिफाइड डाक्टर थोड़े ही भ्रूणहत्या के खेल में भाग लेने के लिये गाँव-देहात में जाने की जहमत उठाएंगे!! तुमको खेलना है तो सामान लेकर शहर आओ...मैदान हम मुहैय्या करा देंगे. सो ये खेल आज आज़ादी के पचास साल बाद भी शान से खेला जा रहा है.. अब विरोध करने वालो का क्या...वो तो लन्दन ओलम्पिक का भी विरोध करते थे और अब वही लोग टी.व्ही. से चिपक के तालियाँ पीट रहें हैं. इस भ्रूण हत्या की दौड़/रेस यदि कराई जाय तो मेरा दावा है कि इसके ही बदौलत चार-पांच पदक हमारी झोली में टन-टन करेंगे.....
खेल न. २..
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बयानों की तीरंदाजी....क्या नेता क्या धर्म-गुरु..क्या फिरकापरस्त और क्या पंचायते...सब के सब बयानों की ऐसी तीरंदाजी करते है कि निशाना भी लग जाता है और सबूत का निशान भी नहीं दिखता...देश में ऐसे तीरंदाज़ हर जगह प्रचूर मात्रा में मिल जायेंगे. इनके चुनाव के लिये ही देश में एक मिनी ओलम्पिक करवाना पड सकता है.
खेल न. ३...
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एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर कि नौकायन...ये खेल केवल मंत्रियों के लिये है..इस खेल की विशेषता यानी घर में बीबी को छोड़ के देश सेवा में रत मंत्रियों को इस खेल में महारत हासिल है.राजनीती में अपना घर ढूंढने आई बेचारी बच्चियों(जो भ्रूण हत्या से बच गई) को ये मंत्रीगण सब्ज-बाग दिखाना और अपने रुतबे की नौका पर अपने मन भरने तक सैर कराना और मौका पाकर पानी में धकेल देना....आजकल ये खेल भी जोरो पर है..
कुश्ती की तरह इसमे भी हरियाणा का नाम बुलंदियों पर है. अब ये थे कुछ खेल मैंने सुझाये...आप भी बताये
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पदक जीतने के लिये खेलो का अम्बार.
तुम्हे पदक दिलवा देगा भैय्ये भ्रष्टाचार!!!!!!!!!!
...अविनाश बागडे.
Comment
भाई अविनाश जी आपका जवाब नहीं
बढ़िया व्यंग
घाव करत गंभीर
संदीप भाई..मेरे कटाक्ष के तीर सही निशाने पर लगे है ....आपकी पसंद इस बात का प्रमाण है...
Kyaa kahe, dil mey nakratmak bhav to aate hi hai, sahi katakchh kiya hai mahoday, hardik badhai.
वाह भाई अविनाश जी वाह .. . आपकी पंक्तियों ने वो कटाक्ष किया है कि अब विसंगतियों के बचने की उम्मीद नहीं.. .
क्या तीर चलाया है आपने भाई साहब ! वाह !! कई निशाने एक साथ सधे हैं.
बहुत-बहुत बधाई हो.
उम्दा कृतित्व पर हार्दिक बधाई
बहुत सुन्दर खेल कहे हैं आपने बिलकुल सही कहा
खेलो वो ही जिसमे कुछ तमगे मिल भी सकें और जिसमे आपको महारत हासिल है
वाह वाह वाह जबरदस्त साहब कटाक्ष अच्छा लगा
बधाई हो इस उन्मुक्त कटाक्ष के लिए
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