For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मकर संक्रांति पर्व है, चौदह जनवरी जान
उत्तरायण सूर्य का है, देख शास्त्रीय विज्ञान

पित्त कफ़ वायुप्रकोपहै,शुष्क ठण्ड के रोग .
ओजस्वी उर्जावान सूर्य किरणे करे निरोग

छत पर, खुले में जा लोग पतंग खूब उड़ाते
दूर उडती पतंग निहार नयन ज्योति बढ़ाते

मानसिक संतोष,औ तंदुरस्ती चाहे बढ़ाना
गरीब औ अनाथ को ठण्ड में वस्त्र दिलाना

इस मकर संक्रांति को गर चाहे जो कल्याण
प्रयाग कुम्भ में जा लगा डुबकी करे स्नान ।

-लक्ष्मण प्रसाद लड़ीवाला

Views: 617

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 14, 2013 at 3:17pm

हार्दिक आभार श्री प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 13, 2013 at 4:14pm

गरीब औ अनाथ को ठण्ड में वस्त्र दिलाना

ये ही जरूरी है. 

बधाई सर जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 13, 2013 at 4:07pm

रचना पसंद करने के लिए आभार श्री आशीष नैथानी 'सलिल' जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 13, 2013 at 3:33pm

अपका हार्दिक आभार आदरणीय श्री सौरभ पाण्डेय जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 13, 2013 at 3:18pm

आप द्वारा साझा की गयी जानकारी के लिए धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण प्रसादजी.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 13, 2013 at 12:51pm
आभार डॉ प्राची जी, आपको तो विदित ही होगा, राजस्थान में विशेषतः जयपुर, सवाई मधोपुर और जोधपुर में मकर 
संक्रांति को उत्तरायण सूर्य के पर्व पर दान पुन्य, गलता स्नान, तिल के लड्डू, गजक का सेवन और आकाश में पतंग 
उड़ाने का युवको से लेकर बुजुर्गो तक में भरी उत्साह देखा जाता है । कलेक्टर,जयपुर मकर संक्रांति को सार्वजानिक 
अवकाश घोषित करता है । जल्दी में रचना संक्षिप्त में ही लिखी है । 

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 13, 2013 at 12:29pm

मकर संक्रांति पर्व की महत्वता बताती सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई आ. लक्ष्मण प्रसाद लड़ीवाला जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 13, 2013 at 12:06pm

रचना पसंद  कर सामयिक और सारगर्भित बताने के लिए आपका आभार आदरणीय श्री संजीव वर्मा सलिल जी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 13, 2013 at 12:02pm

रचना पसंद आई यह मेरा सौभाग्य है, आभार स्वीकारे भाई श्री संदीप कुमार पटेल जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 13, 2013 at 12:00pm

नमस्कार आदरणीय श्री गणेश जी बागी जी, यह रचना मात्र मकर संक्रांति पर्व के शास्त्रीय और वैज्ञानिक महत्त्व को दर्शाने के द्रष्टि से पद्य में प्रस्तुत करने का प्रयास मात्र है , दोहे विधा में लिखने की चेष्टा नहीं की । सादर ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
6 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service