ज्ञानियों से ज्ञान लेना चाहिये
गल्तियों को मान लेना चाहिये |
स्वस्थ रहने का सरल सिद्धांत है
पेय - जल को छान लेना चाहिये |
रास्ते सब खुद ब खुद मिल जायेंगे
लक्ष्य मन में ठान लेना चाहिये |
इस जहां में दोस्तों की शक्ल को
दूर से पहचान लेना चाहिये |
धन न वैभव सुख कभी दे पाएंगे
प्रेम का वरदान लेना चाहिये |
दिल कहे कि पात्रता रखता है तू
तब कोई सम्मान लेना चाहिये |
ज़िंदगी का अर्थ क्या है ऐ अरुण
अनुभवों से जान लेना चाहिये |
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर (मध्यप्रदेश)
Comment
आदरणीय अरुण निगम साहब सादर, सुन्दर गजल, अनुभव के ज्ञान को तो मान लेने में ही भलाई है. सादर.
ग़ज़ब ! ग़ज़ल में सुभाषित !! ..
ज़िन्दग़ी का अनुभवों के बरअक्स देखना सभी कहते हैं, आज उसकी फिर से ताक़ीद हुई देखना भला लगा. मक्ते के लिए विशेष बधाई.
ग़ज़लों की बह्र पर बेजोड़ अंकुश रखा है आपने, आदरणीय. पुनः बहुत -बहुत बधाई..
बहुत सुन्दर रचना ... बधाई स्वीकारें
वाह सर, बहुत खूब!!!!!!!!!!!!!!
इस सुन्दर रचना हेतु हार्दिक ह्रदय से बधाई स्वीकारें. सादर
बहुत उम्दा सीख देती हुई ग़ज़ल हेतु बधाई अरुण जी
दिल कहे कि पात्रता रखता है तू
तब कोई सम्मान लेना चाहिये |
ज़िंदगी का अर्थ क्या है ऐ अरुण
अनुभवों से जान लेना चाहिये |
वाह दोनों शेर में बहुत उत्कृष्ट भाव
वाह सर, बहुत खूब ..बधाई स्वीकारें..
वाह गुरुदेव श्री वाह बहुत ही सरलता पूर्वक आपने अच्छी बातें सिखाई हैं. ये सारी बातें अगर हम अपना लें तो जीवन धन्य हो जाएगा. इस सुन्दर रचना हेतु हार्दिक ह्रदय से बधाई स्वीकारें. सादर
इतने सरल शब्दों में इ्तनी सारी और इतनी अच्छी सीख!
वाह....वाह!
विजय निकोर
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