For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक गज़लनुमाँ ***तहज़ीब उधार लॆं ....

एक गज़लनुमाँ ***तहज़ीब उधार लॆं


चलॊ किसी सॆ तॊ तहज़ीब उधार लॆं ,
गल्ती अपनी-अपनी हम स्वीकार लॆं !!१!!

दूसरॊं कॆ मकान मॆं झाँकनॆ सॆ पहलॆ,
द्वार आँगन अपना हम बुहार लॆं !!२!!

यॆ ज़माना खुद बखुद सुधर जायॆगा,
अगर हम पहलॆ खुद कॊ सुधार लॆं !!३!!

ज़िंदगी की गाड़ी दलदल मॆं फँसी है,
मदद कॆ लियॆ कॊई तॊ मददगार लॆं !!४!!

वॊ आयॆ न आयॆ उसकी मर्जी है यॆ,
फ़र्ज अपना है कि फ़िरसॆ पुकार लॆं !!५!!

यॆ ज़िंदगी की साँसॆं जॊ भी मिलीं हैं,
नॆकियॊं कॆ वास्तॆ इनकॊ गुज़ार लॆं !!६!!

कहतॆ हैं लॊग ज़िंदगी जुआ है ग़र,
हारनॆ सॆ भला है कि बाजी मार लॆं !!७!!

अपनी झॊपड़ी मॆं ही शुकूं है "राज"
बुजुर्गॊं की नसीहत ज़ॆहन उतार लॆं !!८!!

कवि- "राज बुन्दॆली"

Views: 412

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on February 24, 2013 at 12:29pm

नादिर ख़ान ,,,,,,,,,,,,,,भाई साहब बहुत बहुत शुक्रिया ,,,,,,,,,,,,,

Comment by नादिर ख़ान on February 21, 2013 at 12:11am

वॊ आयॆ न आयॆ उसकी मर्जी है यॆ,
फ़र्ज अपना है कि फ़िरसॆ पुकार लॆं ....उम्दा नसीहत है

अपनी झॊपड़ी मॆं ही शुकूं है "राज"

बुजुर्गॊं की नसीहत ज़ॆहन उतार लॆं ...100 टके की बात कही है राज भाई ...

Comment by मोहन बेगोवाल on February 19, 2013 at 10:27pm

वॊ आयॆ न आयॆ उसकी मर्जी है यॆ,
फ़र्ज अपना है कि फ़िरसॆ पुकार लॆं !!५!!गज़ल के  सभी शेअर बहुत उम्दा हैं

Comment by बृजेश नीरज on February 19, 2013 at 9:45pm

दूसरॊं कॆ मकान मॆं झाँकनॆ सॆ पहलॆ,
द्वार आँगन अपना हम बुहार लॆं !!२!!

वाह क्या बात है! बहुत खूब!

Comment by ram shiromani pathak on February 19, 2013 at 2:56pm

यॆ ज़माना खुद बखुद सुधर जायॆगा,
अगर हम पहलॆ खुद कॊ सुधार लॆं !!३!!

 

वाह वाह क्या कहने सर ..............बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
51 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
52 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
54 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service