For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मूँगफली खा चच्चा बोले 

बहू आज कुछ चने भिगोले 

कल को रोटी संग बनाना 

जरा चटपटे आलू-छोले l

 

सारा दिन तू काम में पिस्से 

सुने पड़ोसी के भी किस्से 

सखियों से गपशप करती है 

कर देंगी वो घर के हिस्से l

 

मारा बहु ने घर में पोंछा 

मुँह सिकोड़ बातों पर सोचा 

खुद तो इत-उत गप्प लड़ाते  

फिर क्यों मेरा ही मुँह कोंचा l  

-शन्नो अग्रवाल 

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on March 7, 2013 at 3:52pm

आदरणीया शन्नो जी:

रोचक रचना के लिए बधाई।

विजय निकोर

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 7, 2013 at 3:43pm

सारा दिन तू काम में पिस्से 

सुने पड़ोसी के भी किस्से 

सखियों से गपशप करती है 

कर देंगी वो घर के हिस्से l

चाचा सही कहते हैं 

बधाई 

सादर आदरणीया 

Comment by Dr.Ajay Khare on March 7, 2013 at 3:18pm

bahut badhiya rachna badhai


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 7, 2013 at 2:21pm

हम्म... ससुरजी और बहु के मध्य हुआ संवाद रोचक ढंग से प्रस्तुत हुआ है. यानि इतने दिनों आप ऐसे-ऐसे मनोरंजक संवादों का ही मजा ले रही थीं !

अब मैं समझा आपके गुम होने का मतलब-

घर ही में तो आपके माहौल तारी था ....   हा हा हा हा....   :-)))))))))

स्वागत है आदरणीया शन्नोजी.. .  आपके आने से रौनक आ गयी, रंग आगया .. .

Comment by ram shiromani pathak on March 7, 2013 at 11:41am

आदरणीया  शन्नो अग्रवाल सुन्दर भाव रचना के लिए हार्दिक बधाई!!!!!!!!!!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 7, 2013 at 10:42am

यथार्थ कथ्य पर सुन्दर भाव रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया शन्नो अग्रवाल जी, प्रथम पंक्तियों में मनोरंजन, मध्य में व्यंग ओउर अंत में परिणामतः निष्कर्षात्मक सोच, अच्छी रचना बन पड़ी है 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 7, 2013 at 10:12am

कल को रोटी संग बनाना 

जरा चटपटे आलू-छोले l.............सचमुच हमारे भी मुँह में पानी आ गया...

सखियों से गपशप करती है 

कर देंगी वो घर के हिस्से l..................चच्चा की उम्र का सबसे जायज डर है...हाहाहा ( वैसे सचमुच आज कल किटी वगैरह में दो विवाहित सहेलियों के बीच ऐसी ही बाते होती हैं)

ससुर और बहू की वार्ता को और उनके मनोभावों को बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है आदरणीया शन्नो जी 

आपकी रचनाओं की खासियत है उनकी जीवन्तता.

सादर बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service