For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

                        हरि-महिमा

तिनका तिनका हरि नाम धरै, महिखंड समूल रसातल को!

यमलोक सुलोक हवा पहिरे, हरि नाम जपे हरि आपन को!!

हनुमान  हरी  हरि राम  रटे, मिलगे वन मा सुग्रीव सखा ! 

रघुवीर  मिले  दुःख  दूर भये, मनमीत बने हरि राम सखा!!

कहि कोल किरात चंडाल जपे,उलिटा हरि नाम सुनाम लगे!

हरि नाम जपे कवि के रसना, सुर प्रीत बने गंगा जमुना !!

हरि नाम कथा कहहि सुनही, पर प्राण सराहि हरे दुःख को!

कही मोह बढाहि चले मद में, हरी नाम भुलाय पड़े गत को!!

(के.पी.सत्यम) 

मौलिक एवं अप्रकाशित रचना 

Views: 501

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 12, 2013 at 12:39pm

हरी महिमा पढ़ कर मन मन्त्र मुग्ध ही नही हुआ वर्ना जाप भी हो गया हरी केवल प्रसाद जी, इसके लिए बधाई

हरि के ही प्रचलित कई नाम का सुन्दर उपयोग की जानकार आदरणीय सौरभ जी के टिपण्णी से होने पर इस

काव्य की मन में महिमा और भी बढ़ गयी |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 11, 2013 at 2:01pm

भाई केवल प्रसाद जी,  आपके सधे हुए शब्द-संयोजन से कविता में जो प्रवाह उत्पन्न हुआ है वह विमुग्धकारी है.  तभी पदांत का सम्यक निर्वहन न होना भी वाचन-प्रवाह में खललनहीं डालता.

हरि शब्द के यमक से आपने रोचक पंक्तियाँ साझा की हैं.  यह इस शब्द हरि (या हरी) की ही महिमा है कि इसके कई-कई प्रचलित शब्दार्थों से यमक अलंकार का मजा मिलता है.  

उदाहरण के तौर पर -- हनुमान  हरी  हरि राम  रटे, मिलगे वन मा सुग्रीव सखा -- इस पंक्त ने बढिया प्रभाव उत्पन्न किया है..

कहि कोल किरात चंडाल जपे,उलिटा हरि नाम सुनाम लगे-  इस पंक्ति में इंगित कई-कई भक्तों के नाम मस्तिष्क में आते हैं, और आदि कवि के नाम पर तो आपने उलिटा हरि नाम  का वाक्यांश ही दे दिया है.. !

एक बात : छंदबद्ध रचनाओं को प्रस्तुत करते समय प्रयुक्त छंद  का नाम तथा तत्संबंधी विधा को सूत्रवत् ही सही अवश्य दे दिया करें. जैसे.. प्रस्तुत रचना दुर्मिल सवैया के वृत पर है लेकिन पदांत के संदर्भ में उस वृत को पूरी तरह पालन नहीं करती.

Comment by Vindu Babu on March 11, 2013 at 11:30am
''कहि कोल किरात चंडाल जपे,उलिटा हरि नाम...'' का अर्थ स्पष्ट करें आदरणीय सत्यम जी!
काव्यात्मक कला एवं भक्ति-रस से सराबोर रचना के लिए अपको सादर बधाई महोदय!
Comment by वेदिका on March 10, 2013 at 11:20pm

बहुत सुन्दर काव्य रचा है आपने बधाई आदरणीय केवल प्रसाद जी!

               

तिनका तिनका हरि नाम धरै, महिखंड समूल रसातल को!.... सत्य सुंदर


अपनी तरफ मै  सोचती हूँ  की अगर
हनुमान  हरी  हरि राम  रटे, ... के स्थान पर
हनुमान रमे रम राम रमें
और
मिलगे वन मा सुग्रीव सखा !
मिलिहें वन मा सुग्रीव सखा
का उपयोग करेगे तो और निखार आएगा।
वैसे यह केवल सुझाव भर है
महाशिव रात्रि पर्व की अनंत कोटि शुभकामनाये  आपको 
सादर वेदिका

Comment by ram shiromani pathak on March 10, 2013 at 8:21pm

कहि कोल किरात चंडाल जपे,उलिटा हरि नाम सुनाम लगे!

हरि नाम जपे कवि के रसना, सुर प्रीत बने गंगा जमुना !!


वाह वाह बड़े भाई अपने तो कमाल कर दिया !!!!हार्दिक बधाई ......

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 10, 2013 at 7:57pm

बहुत ही सुन्दर केवल प्रसाद जी!

हरि नाम जपे कवि के रसना, सुर प्रीत बने गंगा जमुना !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज भाई,  प्रदत्त चित्र से उमगता बालसुलभ उत्साह सहज ही शाब्दिक हुआ है। बधाई बधाई…"
10 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी चित्र को सार्थक करती छंद रचना।चित्र के सभी भावों पर दृष्टि डाली है आपने।…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी वाह बहुत सुन्दर..चित्र के हर भाव को जीवंत करती रचना..हार्दिक बधाई "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी चित्र को जीवंत कर दिया है आपके छंदों ने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन।चित्र को साकार करते उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई। "
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद    आओ रे सब साथ, करेंगे मिलकर मस्ती। तोड़ेंगे  हम   आम,…"
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"कृपया ठेले पढ़ें।एडिट का समय निकल जाने के बाद इस टंकण त्रुटि पर ध्यान गया"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद  _ चित्र दिखाता मस्त, एक टोली बच्चों की हैं थोड़े शैतान, मगर दिल के सच्चों की ठान…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद ******** पके हुए  ढब  आम,  तोड़ने  बच्चे आये। गर्मी का उपचार, तभी यह…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, आदरणीय, वाह!  प्रवहमान अभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाई शुभ-शुभ "
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service