For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नववर्ष

नव वर्ष हमारा आ भी गया, शुभ कामना छा भी गया।
इक वर्ष हमारा गुजर गया,इक वर्ष हमारा बढ़ भी गया।।

हम इस वर्ष को प्यार करें, मिलकर शांति बिहार करे।
नहीं जात-पात आडम्बर हो,मिल सम्प्रदाय विचार करें।।

यहां आतंक वाद की बेला है,चहुं दिश जग अंधियारा है।
इस वर्ष के नूतन प्रभात से, हमको आतंक मिटाना है।।

नववर्ष हमारा हो मंगल, जन-जन की विकृति दूर करें।
न भेद-भाव न धर्म-देश, विश्वबंधुत्व का स्वर गूंज करें।।

सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 580

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 19, 2013 at 9:31am

आदरणीया    गीतिका वेदिका जी,   जी मैम!  आपने बिलकुल सही कहा।   डर तो लगता है। आ0 गुरूवर जी से तो बहुत ही ज्यादा।  अगर घिघ्घी नहीं बंधेगी तो सीखूंगा कैसे?  गलती तो है।  और जब गलती समझ में आती है तो हंसी भी आती है।  आपका बहुत बहुत धन्यवाद...आपको भी हंसी आई...। सादर,

Comment by वेदिका on April 19, 2013 at 12:05am

हा हा हा :)))))) माफ़ कीजिये केवल प्रसाद जी! ऐसे लगा की आदरणीय सौरभ सर मानो क्लास आपको लाइव डांट रहे हो और आपकी मानो घिघ्घी बंध गयी और मै मुहँ छुपा के शैतान बच्चे की तरह हँस रही होऊं :)))))

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 18, 2013 at 11:33pm

आदरणीय गुरूवर सौरभ जी, जी सर, क्षमा करें, मात्र तुक बंदी हित में लिखा।  पुनः क्षमा प्रार्थना।  सादर,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 18, 2013 at 9:06pm

नव वर्ष हमारा आ भी गया, शुभ कामना छा भी गया.. . . ये क्या है भाई ? कामना शुभ हो या अशुभ पुल्लिंग कबसे होने लगी ?

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 12, 2013 at 8:14pm

आ0 राम शिरामणि पाठक जी,  प्रिय मित्र, आपका बहुत बहुत आभार सहित हार्दिक धन्यवाद। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 12, 2013 at 8:12pm

आ0 प्रदीप कुमार कुशवाहा जी,  आपका बहुत बहुत आभार सहित हार्दिक धन्यवाद। सादर,

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:34pm

स्नेही प्रसाद जी 

निश्चित हों सफल 

लें ऐसा संकल्प 

कामना रहे न अधूरी 

बधाई 

Comment by ram shiromani pathak on April 11, 2013 at 8:41pm

हम इस वर्ष को प्यार करें, मिलकर शांति बिहार करे।
नहीं जात-पात आडम्बर हो,मिल सम्प्रदाय विचार करें।।

आदरणीय बड़े भाई बहोत सुन्दर/

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 11, 2013 at 8:10pm

आदरणीय संदीप कुमार पटेल जी,  जी, मैं आपके बात से सहमत हूं। हां, ऐसा हो जाता है। किन्तु अब मैं आपके सुझाव को गंभीरता से ले रहा हं। सार्थक सुझाव के लिए धन्यवाद सहित आभार,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 11, 2013 at 7:22pm

नव वर्ष पर शुभ भावों के लिए बधाई केवल प्रसाद जी.

आ० संदीप जी के कहे से सहमत हूँ... कि आपकी रचनाओं में  संप्रेषणीयता जल्दबाजी की भेंट चढ़ जाती है...

विशवास है आप ध्यान देंगे और रचनाकर्म को सुगढ़ करेंगे.

शुभकामनाएँ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
9 hours ago
ajay sharma shared a profile on Facebook
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service