खुरदुरी हथेलियाँ
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आदरणीया आपकी बात से सहमत हूं और मुझे यह लग भी रहा था कि आपने लकीरें के लिए यह शब्द प्रयोग किया है। मैंने अपनी टिप्पणी में यह उल्लेख भी किया है। मेरा निवेदन यह था कि दूसरी पंक्ति अपने आप में पूर्ण है इसलिए पहली पंक्ति में चेहरे के पहले जैसी का प्रयोग अखर रहा है। मेरे विचार से वहां जैसे अधिक उपयुक्त होगा।
आप मुझसे अधिक जानकार हैं इसे बेहतर आप ही समझ सकती हैं इसलिए एक बार फिर से अपना शंका समाधान चाहूंगा। आपने मेरे कहे को महत्व दिया इसके लिए आपका आभार
केवल प्रसाद जी रचना के मर्म से प्रभावित होने के लिए हार्दिक आभार |
आ0 राजेश कुमारी जी, मजदूर जो मजदूरी करता है, उसका ध्यान केवल मेहनत पर होता है। तभी तो वह अधिक से अधिक ईंटें कम समय में पहुंचाती है, ताकि वह अपने बच्चे पर भी नजर रख सके। हां! मां की ममता ही ...उसकी फटी धोती से ज्यादा अहम है। मर्म को छूती सजीव चित्रण। हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर,
आदरणीय कुंती जी आपके अनुमोदन ने मेरी लेखनी को जो मान दिया उसके लिए दिल से आभारी हूँ |
ब्रजेश कुमार जी बहुत ख़ुशी हुई देख कर कि आपने रचना को उसके मर्म तक पहुचने के लिए वक़्त दिया आपका सुझाव सही होता यदि मैंने चेहरे के लिए जैसी शब्द प्रयोग किया होता किन्तु जैसी शब्द यहाँ लकीरों (जो की स्त्री लिंग में है )के लिए प्रयोग किया है (पचास साल के चेहरे पर जो प्रौढ़ता की लकीरें होती हैं यहाँ बात उस सन्दर्भ में की है )एक बार फिर से लकीरों को ध्यान में रखते हुए पढ़िए आपका संशय दूर होगा । हार्दिक आभार आपका |
आदरणीय प्रदीप कुशवाह जी आपकी प्रतिक्रिया हमेशा उत्साह वर्धन करती है हार्दिक आभार आपका ।
राजेश कुमारी जी , यह दृश्य हम आये दिन देखते हैं, लेकिन आपने शब्दों में चित्रण कर सोचने पर मजबूर कर दिया है . मज़दूर दीवस
की एक और विडम्बना ./सादर/ कुंती.
आपने बिलकुल सटीक चित्र खींचा! मजदूर दिवस की हकीकत इससे अधिक कुछ नहीं। आपको ढेरों बधाई इस सुन्दर चित्रण पर।
वैसे तो आप स्वयं ज्ञानी हैं मेरा यूं कहना उचित तो नहीं लेकिन मुझे एक छोटी सी बात अखरी तो आपसे साझा कर रहा हूं। आप इस मेरा मार्गदर्शन करें।
आपकी दो पंक्तियां हैं –
//पचास के जैसी चेहरे पर
प्रौढ़ता की लकीरें//
मेरे विचार से ‘लकीरें’ के लिए ‘चेहरे’ से पहले ‘जैसी’ का प्रयोग उपयुक्त नहीं। इसे ‘जैसे’ रहना चाहिए। सादर!
राजेश कुमार झा जी मेरी रचना में अपने स्वर मिलाकर जो मान दिया उसके लिए दिल से आभारी हूँ ।
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