For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पहले की तरह .....हास्य व्यंग

आजकल सुबह सुबह
मुर्गे की जगह
लाउडस्पीकर
बाँग दे रहा है
क्योकि
चुनाव आ रहा है.
पहले की तरह
इस बार भी
स्वामी जी
वोट माँगने आयेंगे
पुल्हिया बनवाने
वजीफा दिलवाने
की शपथ खायेंगे
और पहले की तरह
चालिस वोटों से
हार जायेंगे.
पहले की तरह ही
श्रीमती देवी जी
भी आयेंगी
अपने सम्बोधन से
जनता को लुभायेंगी
कुछ नये कुछ पुराने
सवाल उठायेंगी
सत्तापक्ष पर
ताने कसेंगी
और
पहले की तरह ही
इस बार भी
लगता है
विपक्ष मे रहेंगी.
हो सकता है
पहले की तरह
श्रीमान चौखट
निर्दलीय से
टिकट पा जायें
और पहले की तरह
कुछ ले दे कर
अपनी चौखट मे
दरवाजा लगा जायें.
इस बार भी
पूरा विश्वास है
नरमदल का टिकट
कडकराम के पास है
पहले की तरह
इस बार भी वे
उसी पार्टी से लडेंगे
पिछली बार
बाजार वाली
तो
अबकी गाँव की
जमीन बेचेंगे.
पहले की तरह
इस बार भी
धूम मचेगी
पर्चा बटेगा
पोस्टर लगेगा
कैसेट बजेगा
बैनर सजेगा
और पहले की तरह
इस बार भी
शहर मे कर्फ्यू लगेगा
लाठियाँ बरसेंगी
हड्डियाँ टूटेंगी.
और
जब सुबह सुबह
दूधवाले के
ना आ पाने के कारण
आदमी
काली चाय पीने को
मजबूर हो जायेगा
सच कहता हूँ
इस चुनाव का
असली मजा
पहले की तरह
तभी आ पायेगा
--------
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 709

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by manoj shukla on May 4, 2013 at 8:12am
आदर्णीय अशोक जी आपका हार्दिक आभार..... आदर्णीय, चूँकि अंतिम मे जनता की हार हो रही है, अतः कवि का मन मे किसी प्रत्याशी के जीतने का भाव उत्पन्न नही हो सका..... वैसे भी आदर्णीय, चुटकी उन्ही की लेनी चाहिए जो जो जीतने के लिए अनुचित तरीकों का उपयोग करने के बावजूद हार जाते हों......सादर
Comment by Ashok Kumar Raktale on May 4, 2013 at 7:27am

भाई मनोज जी सादर बहुत सुन्दर व्यंगात्मक रचना मगर इसमे तो सभी प्रत्याशी हारे ही हैं फिर जीता कौन? हा हा हा सुन्दर कृति के लिए बधाई स्वीकारें.

Comment by manoj shukla on May 3, 2013 at 5:27pm

आदर्णीय...श्री. लक्षमीप्रसाद जी..आपका सादर आभार
-------
आदर्णीय... श्री.कुशवाहा जी ..सादर आभार...आपसे निवेदन आप मेरे नाम के आगेआदर्णीय न लगायें मै आपसे बहुत छोटा हूँ

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 3, 2013 at 4:56pm

चुनाव का खाका दिया खींच 

वाह भई वाह 

सादर बधाई, आदरणीय मनोज जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 3, 2013 at 4:40pm

चुनावों की सरगर्मी प्रारम्भ होते ही जैसा माहोल बनता है, जैसे वादे किये जाते है, लाउडस्पीकर का शोरगुल सुनाई देते है 

उनका बखूबी वर्णन किया है आपने अपने हास्य व्यंग में, बधाई श्री मनोज शुक्ला जी 

Comment by manoj shukla on May 3, 2013 at 1:35pm
आदर्णीया.. प्रशंशा के लिए सादर आभार... मै उस त्रुटि को ठीक कर दे रहा हूँ..और प्रयास करुँगा कि आगे ऐसा न हो... पुनः आप सभी का सादर आभार

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 3, 2013 at 12:54pm

वाह- वाह मनोज जी क्या जम  कर खिंचाई की वोट मांगने वालों की और चुनाव के दौरान उपस्थित हुए हालात की ,बाकी त्रुटी तो प्राची जी बता चुकी हैं एक जो मेरे नोटिस में आई वो --आप बाग की जगह बाँग कर लीजिये (मुर्गा बाँग देता है)  बहुत- बहुत बधाई इस सटीक कटाक्ष भरी प्रस्तुति पर |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 3, 2013 at 10:55am

जय हो.. . बहुत बहुत बधाई.. .

सुझावों पर ध्यान दें, भाईजी.

शुभेच्छाएँ

Comment by manoj shukla on May 2, 2013 at 10:47pm
आदर्णीया आपका सादर आभार .....बहुत बहुत धन्यवाद

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 2, 2013 at 9:31pm

श्रीमान चौखट
निर्दलिय से.........................निर्दलीय से 

पिछली बार
बाजार वाला......................बाजार वाली 
तो
अबकी गाँव के...........................गाँव की 
जमीन बिकेंगे.......................ज़मीन बेचेंगे 
पहले की तरह
इस बार भी
धूम मचेगा...................................धूम मचेगी 

मुझे  यह कुछ बदलाव अपेक्षित थे.... शायद आप भी सहमत होंगे.

सादर. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद *****मिट्टी  के  दीपों  की  जगमग,  दीपों  वाला …"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * शहरों  में  भी   गाँवों  जैसे, सजे  हाट…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाशजी  दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । छंद पर आपका प्रयास सराहनीय…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । खिल उठता है बुझा हुआ मन, आते जब…"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी चित्रानुकूल बहुत सुन्दर छंद सृजन। हार्दिक बधाई "
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह...दीपोत्सव के हर आयाम को समेट लिया है आपके इस गीत ने।अंतिम छंद का भाव बहुत सार्थक। हार्दिक बधाई…"
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी एस टी का जिक्र रोचक बन पड़ा है। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । सरसी छंद की बीस पंक्तियों के लिए…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ हर बरस हर नगर में होता, अरबों का व्यापार।         …"
9 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  ______ जगमग दीपों वाला उत्सव,उत्साहित बाजार। जेब सोच में पड़ी हुई है,कैसे पाऊँ…"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service