For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


मानव दौड़ें राह पर, थकते उसके पाँव

आत्मा नापे दूरियाँ, नगर डगर हर गाँव |

 

थक जाते है पाँव जब, फूले उसकी साँस,

मन तो अविरल दौड़ता,मन में हो विश्वास |

 

सार्थक मन की दौड़ है, भौतिकता को छोड़

सही राह को जान ले, उसी राह पर दौड़ |

 

पञ्च तत्व से तन बना, जिसका होता अंत

बसते मन में प्राण है, जिसकी दौड़ अनंत |

भौतिकता को छोड़ कर, अंतर्मन की मान,

दिल गवाह जो भी करे, उस पर देना ध्यान

(मौलिक एवं स्वरचित)

 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला 

जयपुर दि. २९-५-२०१३ 

Views: 798

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 6, 2013 at 11:25am

विद्वजन द्वारा रचना सराहे जाने पर सुखद अहसास होता है और उत्साह बढ़ता है | दोहे पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार 

भाई श्री अशोक रक्ताले जी 

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 6, 2013 at 9:01am

वाह! आदरणीय लड़ीवाला साहब सादर, बहुत ही सुन्दर स्न्देशातम्क दोहे रचे हैं बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 1, 2013 at 3:09pm

दोहे सार्थक और सौद्देश्य बताकर मान देने के लिए अंतर्मन से हार्दिक आभार आपका आदरणीय श्री सौरभ पाण्डेय जी,

आपकी टिपण्णी से प्रसन्नता हुइ | सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 1, 2013 at 9:28am

इन सार्थक और सोद्येश्य दोहों के लिए हृदय की गहराइयों से धन्यवाद और बधाइयाँ, आदरणीय.

बहुत सुन्दर और सुगढ प्रयास हुआ है.

सादर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 31, 2013 at 10:51pm

हार्दिक आभार स्वीकारे भाई श्री अरुण कुमार निगम जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on May 31, 2013 at 10:17pm

सुंदर दोहे आदरणीय, बधाई स्वीकार कीजिए...........

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 31, 2013 at 2:23pm

दोहे पसंद कर मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार भाई श्री संदीप कुमार पटेल जी, सादर 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 31, 2013 at 11:58am


आदरणीय सर जी बहुत ही सुंदर दोहे रचे हैं आपने सादर बधाई हो आपको

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 31, 2013 at 11:05am

दोहे पसंद कर मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया सरिता भाटिया जी 

Comment by Sarita Bhatia on May 31, 2013 at 8:37am

बहुत सुंदर दोहे रचे हैं आदरणीय लक्ष्मण जी ,बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service