For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

सपना-अरुण निगम

(मदिरा सवैया = भगण X7+गुरु)

 

ब्याह हुये  इकतीस सुहावन  साल भये नहिं भान हुआ

नित्य निरंतर जीवन में पल का पहिया गतिमान हुआ

छाँव कभी अरु धूप कभी  हर मौसम  एक समान हुआ

शब्द सधे सुर-ताल सजे  यह जीवन- मंगल गान हुआ ||

 

अरुण कुमार निगम

आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)

 

Views: 895

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on June 8, 2013 at 2:57pm

"आदरणीय अरुण जी,शादी की इकतीस वर्षगांठ हेतु आपको हार्दिक बधाई ।

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 8, 2013 at 1:35pm

आदरणीय गुरुदेव श्री हार्दिक बधाई व ढेरों शुभकामनाएं, आपको एवं माँ जी को सादर समर्पित:-

............ (मदिरा सवैया)............
साल विवाहित जीवन का इकतीस मुबारक बाद दिली
प्रेम मिला परिवार मिला अरु सुन्दर सुन्दर याद मिली
स्वस्थ रहें अरु मस्त रहें भगवान सदा खुशहाल रखें,
दूर कलेश विकार करें खुशियाँ घर दीनदयाल रखें......

............... दोहा ..................
पिता तुल्य गुरुदेव श्री, माता सम हे मात.
श्री चरणों में भेंट है, शब्दों की सौगात

खूब बधाई शिष्य से, स्वीकारें गुरुदेव,
माता रानी प्रेम दें, रक्षा करें त्रिदेव..

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 8, 2013 at 10:07am

अरुण कहे कुछ भी पर लगती रविकर की बात सही 

जैसी बाहिन फंसाए चंद्रमुखी से फूल खिलावत रही 

लगता है तेरह को घुमाकर  इक्कतीस बतावत है 

मन में मुसकाय बतारही खुशियाँ उम्र को झुटलाय रही | - ऐसी ही हँसते रहे, खुशियाँ बिखेरते रहे, खुश रहे ----

Comment by Arun Sri on June 8, 2013 at 10:01am

यह जीवन- मंगल गान हुआ ............... सफल जीवन और सालगिरह की शुभकामनाएँ आदरणीय ! बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ! :-)

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 8, 2013 at 9:54am

चक्र बना गतिमान रहे सब ही पल एक समान रहे,

नित्य गुलाल उड़े मन में चहरों पर यूँ मुसकान रहे,

उम्र दराज रहे यह दाम्पत इश्वर का वरदान रहे,

साथ रहें खुशहाल सदा तक होय धरा दिनमान रहे  ||

 

आदरणीय अरुण निगम साहब आप युगल  और परिवार सकल  जिनकी आपसे और आपकी जिनसे ख़ुशी है सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ,आपके जीवन और घर में ख़ुशी के ये अवसर बार बार हजार बार आये. बहुत बहुत बधाई.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 8, 2013 at 9:50am

इक्कतीस तोपों की सलामी अरुण दाग रहे 

हर वर्ष बढ़ा क्र दागे अविरल यह चाल रहे,

रोशन करते रहे निरंतर प्रभु का वरदान रहे 

जीवन साथी संग परिवार सदा खुशाल रहे |

संजोये जो भी सपना पूरा हो आबाद रहे 

लक्ष्मण करे कामना रोशन यूँ घरबार रहे | - बहुत बहुत बधाई एवेम हार्दिक शुभ मंगल कामनाए स्वीकारे शुभ आशीर्वाद खुश रहे | 

Comment by राजेश 'मृदु' on June 7, 2013 at 5:46pm

इस खूबसूरत अभिव्‍यक्ति एवं इकतीसवीं वर्षगांठ हेतु आपको हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश नीरज on June 7, 2013 at 2:12pm

आदरणीय आपको हार्दिक शुभकामनाएं! इसी तरह हर साल आप वर्षगांठ मनाएं और इन चांद सितारों के रहते तक आपका यह बंधन अटूट और सुदृढ़ बना रहे।
सादर!

Comment by रविकर on June 7, 2013 at 9:02am

हार्दिक बधाइयाँ
शुभकामनाये

बाहिन-बांह फंसाय रहे, लिपटे जस फोर बनावत हैं |
काह कहें जब झूठ लिखें, इकतीस हमें बतलावत हैं |
ब्याह हुवे दुइ वर्ष हुवे, मन से मुखड़े मुसकावत हैं |
क्यूँ भइया-भउजी मिलके, अरुणे-सपने भरमावत हैं -

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 6, 2013 at 5:09pm

बधाई के साथ साथ आगे के सभी साल ऐसे ही हो इस मनोकामना के साथ!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service