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सपना-अरुण निगम

(मदिरा सवैया = भगण X7+गुरु)

 

ब्याह हुये  इकतीस सुहावन  साल भये नहिं भान हुआ

नित्य निरंतर जीवन में पल का पहिया गतिमान हुआ

छाँव कभी अरु धूप कभी  हर मौसम  एक समान हुआ

शब्द सधे सुर-ताल सजे  यह जीवन- मंगल गान हुआ ||

 

अरुण कुमार निगम

आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)

 

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Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 6, 2013 at 4:04pm
"आदरणीय अरुण जी, आप दोनो को शादी की इकतीस वी वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाऐं व तहे दिल से बधाईयां..." आप दोनो हमेशा खुश रहे....."
Comment by वेदिका on June 6, 2013 at 1:14pm

इस पावन अवसर पर आपको हार्दिक बधाइयाँ आदरणीया सपना जी आदरणीय अरुण जी!

सुन्दर सवैया के लिए शुभकामनाये 

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 6, 2013 at 12:12pm

आदरणीय अरुण निगम जी, सबसे पहले शादी की ३१ वीं वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये, साथ ही इस खुबसूरत सवैया हेतु बहुत बहुत आभार ।  

Comment by Abid ali mansoori on June 6, 2013 at 12:09pm
आदरणीय/आदरणीया हार्दिक शुभकामनाऐँ!
Comment by vijay nikore on June 6, 2013 at 12:01pm

आदरणीय अरूण जी:

 

अति सुन्दर !

आप दोनों को हार्दिक बधाई।

वि्जय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 6, 2013 at 11:33am

मंच सुखी  मन मोद मना कहता शुभ-सादर संग-निभान
मंगल मंगल  वाद्य बजे  सुरताल मनोहर दिव्य जुटान  
जीवन के  इकतीस  पड़ाव  घुमाव  बहाव  प्रभाव  उठान
वाह तुम्हें मिल साथ चले तुम उन्नत जीवन योग-समान

[चकोर सवैया - भगण X7+गुरु लघु]

आदरणीय,  अतिशय बधाइयाँ और सादर मंगल-कामनाएँ

शुभ-शुभ

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