प्यासी धरती पर
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बहुत सुंदर सोनम!
मेरी भी बचपन की यादें ताजा हो आई!
सुन्दर प्रस्तुति हार्दिक बधाई आपको //आदरणीया कुन्ती दीदी से सहमत हूँ /
आदरणीय विजय मिश्र जी नमस्कार ......
आदरणीय श्याम नरेन वर्मा जी सादर नमस्कार
आदरणीय बब्बन जी सादर नमस्कार
आदरणीय कुन्ती जी नमस्कार
धन्यवाद सुमित जी
बहुत ही सुंदर व मर्मस्पर्शी रचना.....................
A true depiction of irreversible metamorphosis happened in modern life ! Congratulations for your very simplistic creation. Best wishes
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