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शुभ हो..
आपको बधाई आदरणीय.
कोई न्यायमूर्ति आज भी महाराज विक्रमादित्य की तरह न्याय करें..लगभग अविश्वसनीय डॉ.प्राची जी।
सम्बन्धों पर विश्वास की बातों ने एक सकारात्मक उर्जा का संचार किया है-Shubhranshu Pandey ji
संस्कार ही तो है जो समाज का निर्माण करते है .... देश को इनकी जरूरत है- aman kumar ji
aabhari hu..
डॉ प्राची जी...( आश्चर्य होता है.) ,वीनस केसरी जी ...(अब अच्छी बातें हैरान करती हैं),
यह एक सत्य घटना पर आधारित लघुकथा है। । सभी पात्र दिल्ली में मौजूद हैं।
बहुत सुन्दर लघुकथा आ० अविनाश बागडे जी..
बातों में दम था .......
निश्चित ही ... रिश्तों से उठते विश्वास के दौर में ऐसा होना किसी चमत्कार सरीखा लगता है ... उफ़ ये क्या सोचने को मजबूर हैं हम
अब अच्छी बातें हैरान करती हैं
आ. अविनाश जी, एक सशक्त कहानी. जहाँ आज सभी, यहाँ तक कि न्यायालय भी ,माफ़ करियेगा, पारिवारिक सम्बन्धों को व्यापार समझ कर आर्थिक लेन देन की नजरिये से देखता है. वहाँ सम्बन्धों पर विश्वास की बातों ने एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है.
सादर
मानवीय दर्शन शास्त्र ..........का अदभुत सयोंजन !
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