घोर तिमिर है,
कठिन डगर है,
आगे का कुछ नहीं सूझता,
पीछे हट जाने का डर है।
मन में इच्छाएं बलशाली
शोणित में भी वेग प्रबल है,
रोज लड़ रहा हूँ जीवनसे
टूट रहा अब क्यों संबल है
मैंने अपनी राह चुनी है
दुर्गम, कठिन कंटकों वाली
जो ऐसी मंजिल तक पहुंचे
जो लगे मुझे कुछ गौरवशाली
धूल धूसरित रेगिस्तानी हवा के छोंकें
देते धकेल , आगे बढ़ने से रोकें
सूखा कंठ, प्राण हैं अटके
कब पहुंचूंगा निकट भला पनघट के
आगे बढ़ना भी दुष्कर है
मन में मेरे अगर मगर है
आगे का कुछ नहीं सूझता,
पीछे हट जाने का डर है।
किन्तु गीता में लिखा हुआ है
तू फल की चिंता मत करना
अपना कर्म किये जा राही
निर्णय तो मुझको है करना
सूरज भी निर्बाध गति से चलता है
निश्चित ही ये घोर तिमिर छटना है
और साथ ही छट जाएगी घोर निराशा
लक्ष्य हांसिल करने की सीढ़ी है आशा
मन में आशा
और अधरों की प्यास
इतना निश्चित है
ले जाएगी मुझे लक्ष्य के पास
घोर तिमिर है,
कठिन डगर है,
पीछे मुड़कर नहीं देखना
पीछे हट जाने का डर है।
"मौलिक व अप्रकाशित"
शब्दकार : Aditya Kumar
Comment
सुन्दर प्रयास !
शुभ-शुभ
आदरणीय Dr.Prachi Singh जी आपका हार्दिक धन्यवाद ! यहाँ वास्तव में बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है !
आ० आदित्य कुमार जी
बहुत सुन्दर कथ्य प्रस्तुत किया है...
मन में निश्चय करके एक मंजिल तय करना.. फिर राह में आने वाली रुकावटों से घबरा जाना और गीता का उपदेश याद रख कर्म मार्ग पर चलते जाना... घोर निराशा में , आशा की किरणों के प्रस्फुटित होने की आस रखना...
बहुत महसूस करके लिखी गयी मर्म स्पर्शी अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई
अंतर्गेयता व तुक मिलान सब खूबसूरत है.... प्रयासरत रहिये, सह रचनाकारों की अभिव्यक्तियों को भी तन्मयता से पढ़िए... काव्य के आवश्यक तत्व रचना में स्वतः ही समाहित होने लगेंगे
शुभेच्छाएँ
आदरणीय अग्रज Sheel Kumar जी उत्साहवर्धन हेतु आपका सादर धन्यवाद्। कृपया मार्गदर्शन देते रहिये मुझे आपका आभारी रहूँगा
आदरणीय विजय मिश्र जी आपका सादर धन्यवाद्
आदरणीय Vinita Shukla जी आपका सादर धन्यवाद्
निराशा में आगे बढने को प्रेरित करतीं, भावयुक्त पंक्तियाँ. बधाई आदित्य जी.
जिस तरह से आप लिख रहें हैं , शीघ्र ही परिमार्जित हो कर और भी परिष्कृत होंगे , यह सनातन नियम है
आदरणीय Kewal Prasad जी , आपका हार्दिक आभार , यही चाहूँगा के आप समय समय पर मेरे प्रयासों को अपने सुझावों से सार्थक दिशा देते रहेंगे। परन्तु मेरे लिए त्रुटियों को स्पष्ठ रूप से जानना आवश्यक है तो आपका आभारी रहूँगा यदि आप त्रुटियों को स्पष्ठ कर दें तो।
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