For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कन्या पूजन -- लघु कथा

 उमा दादी ने जब बड़े प्यार से सभी कन्याओं को चरण धो धो कर जमीन पर बिछे आसन पर बैठाया और रोली कुमकुम का टीका लगा कर  सभी कन्याओं को चुनरी ओढ़ाई और भोजन परोस कर वही बगल मे हाथ जोड़ कर बैठ गईं - “भोजन जिमों मेरी माता रानी ।"

अचानक उनके बीच मे बैठी उमा दादी की पोती उठ खड़ी हुई  - “ आप गंदी हो दादी ! आज कितने प्यार से खिला रही हो रोज तो माँ को कहती हो बेटी पैदा करके रख दी । अब बताओ अगर बेटियाँ नहीं पैदा होती तो तुम कन्या कहाँ से लाती और किसको खिलाती, कैसे कन्या पूजन करती ?"

 

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 936

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by annapurna bajpai on September 22, 2013 at 12:41am
आदरणीय सुरेन्द्र कुमार जी आपका आभार ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 22, 2013 at 12:01am

बहुत बढ़िया सार्थक सन्देश देने में समर्थ लघु कथा हेतु हार्दिक बधाई अन्नापूर्णा  जी |

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 21, 2013 at 11:26pm

बहुत बढ़िया लघुकथा, बहुत बहुत बधाई आदरणीया अन्नपूर्णा जी

Comment by MAHIMA SHREE on September 21, 2013 at 10:07pm

घर की बड़ी बुजुर्ग स्त्रियाँ भी अपने ही घर में बच्चियों के साथ कैसे दोहरा मापदंड रखती ..बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत हुआ है  कन्या भ्रूण हत्या का सबसे बड़ा कारण भी बुजुर्ग महिलाओ  की यही मानसिकता बढ़ावा देता है ... बहुत -२ हार्दिक बधाई आदरणीया   

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 21, 2013 at 8:21pm

दोहरे चरित्र और दिखावेपन को तमाचा मारता हुआ ...
.सुन्दर लघु कथा ..काश बेटी बेटे का फर्क मिट सके तो आनंद अति आये
...बधाई

आदरणीया अन्नपूर्णा जी जय श्री राधे
भ्रमर ५

Comment by annapurna bajpai on September 21, 2013 at 6:19pm

adarniy Ashutosh ji apka abhar .

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 21, 2013 at 4:29pm

आदरणीय अन्नपूर्णा जी ..सुंदर लघु कथा के माध्यम से आपने समाज के दोहरे चरित्र को उजागर करने का सुन्दर प्रयास किया है ..मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें 

Comment by annapurna bajpai on September 20, 2013 at 10:40pm

आपका हार्दिक आभार आ0 भण्डारी जी ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 20, 2013 at 9:22pm

आदरणीया अन्नपूर्णाजी , सुन्दर लघुकथा , पोती के भोलेपन मे की गई शिकायत  मे समस्या हल भी छिपा दिख रहा है !! बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service