For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उलटी इनकी चाल - आज की राजनीतिक घटना के सन्दर्भ में

चाल चला जब हंस की, बगुला बहुत सयान

बगुला खाया मात तब, खोया अपना मान

खोया अपना मान, इस्तीफे की है मांग

बात बड़ेन की मान, है टूटी छोटी  टांग

कह सागर कविराय, नेता इनका है बाल

इन्हीं को अब पड़ी, है उलटी इनकी चाल

आशीष ( सागर सुमन ) 

मौलिम एवं अप्रकाशित

Views: 610

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 2, 2013 at 11:13pm

प्रस्तुत कुण्डलिया छंद विधान की दृष्टि से दोषपूर्ण है. मेरा इशारा रोला वाले भाग की ओर है.  इस पर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया. जबकि आदरणीय रविकर जी ने इशारा किया भी तो अत्यंत गूह्य रूप में.  दोहे वाले भाग में भी बगुला  शब्द का दो बार आना छंद के कुल प्रभाव को कम करता हुआ दीख पड़ता है.

दूसरे, साहित्यिक मंचों पर शुद्ध राजनैतिक घटनाओं का सीधा वर्णन उचित नहीं माना जाता. व्यवस्था पर बातें करना एक ब ह जबकि राजनैतिक पार्टियों पर सीधी बातें रचनाकार के स्वर को हल्का कर देती हैं. बातें इशारों में हों यही उउचित है. इसके प्रति जागरुकता और संवेदनशीलता अपरिहार्य है.

पुराने सदस्य इस बात को जानते हैं, लेकिन इस तथ्य को बार-बार कहने की आवश्यकता इसी कारण पड़ती है कि नये सदस्य कई तथ्यों को सतत संलग्नता के बाद ही जान पाते हैं.

शुभेच्छाएँ.

Comment by विजय मिश्र on September 30, 2013 at 12:05pm
बहुत ही सुंदर कथ्य , रही-सही रविकरजी ने पूरी कर दियी . दोनों जनों को साधुवाद .
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:55am

वाह वाह आदरणीय ग़ज़ब की रचना इस रचना पर आपको बहुत बहुत बधाई

आदरणीय रविकर सर और आदरनी आशीष जी को भी प्रातक्रिया छंद रचने के लिए हार्दिक हार्दिक बधाई जोरदार

मजा आ गया

Comment by रविकर on September 30, 2013 at 11:19am

वाह वाह वाह आशीष जी-
मजेदार रोले से आपने पूरी की कुण्डलिया
बधाई आदरणीय-

धत मौनी युवराज, बड़े गुस्से में लालू |
मारक मिर्ची तेज, चाट ले किन्तु कचालू |

सुबह मचाये शोर, नहीं महतारी जागी |
शीघ्र बुला के प्रेस, गोलियां भर भर दागी ||

Comment by Ashish Srivastava on September 30, 2013 at 9:57am
Comment by डॉ. अनुराग सैनी on September 29, 2013 at 2:37pm

शुभ कामनाये उत्कृष्ट लेखन !

Comment by Ashish Srivastava on September 28, 2013 at 11:45pm

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव : जी बहुत बहुत आभार 

Comment by Ashish Srivastava on September 28, 2013 at 11:45pm

रविकर: आदरनीय, रविकर जी आपके छंद कमेन्ट के आभार स्वरुप इन्हीं दो लाइनों को आपका आदेश मानकर आपको समर्पित कर रहा हूँ 

दागी अध्यादेश पर, तीन दिनों में खाज |
श्रेष्ठ मुखर-जी-वन सदा, धत मौनी युवराज |

धत मौनी युवराज, कहाँ पे मुँह को खोले
माकन को फटकार, प्रेस में कर्कश बोले  
मर्यादा को छोड़ , खुद भी हो गये बागी 
नौटंकी क्यूँ ये जब , अध्यादेश ही दागी 

अंतिम चार लाइन द्वारा आशीष ( सागर सुमन ) 

Comment by रविकर on September 28, 2013 at 7:55pm

बढ़िया कटाक्ष -
आदरणीय शुभकामनायें-

दागी अध्यादेश पर, तीन दिनों में खाज |
श्रेष्ठ मुखर-जी-वन सदा, धत मौनी युवराज |

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 28, 2013 at 7:18pm

सामयिक विषय पर तीखा व्यंग्य , बधाई  आशीष भाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service