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धर्म अधर्म //कुशवाहा//

धर्म अधर्म

--------------

धर्म अधर्म

देशकाल की धुरी पर

नर्तन करता हुआ

ज्ञानियों / अज्ञानियों

की गोद में

पल पल मचलता

रंग बदलता

कुछ न कुछ कहता है

युग हो कोई

नयी बात नहीं

परोक्ष / अपरोक्ष

दिल के किसी कोने में

रावण रहता है

विष वमन

घायल तन मन

चिंतन  मनन

जन जन छलता है

न कर मन मलिन

न हो तू उदास

रख द्रढ़  विश्वास 

अत्याचारों  की

जब जब  अति होती है

हरी भरी वसुंधरा

पापों से रोती  है

होता कोई अवतार

अधर्म पर धर्म की

विजय होती है

मौलिक//अप्रकाशित//

प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा

8-1-2013

    

Views: 640

Comment

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Comment by बृजेश नीरज on October 16, 2013 at 1:33pm

वाह! बहुत सुन्दर! आपको हार्दिक बधाई!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 16, 2013 at 11:45am

आदरणीय कुशवाहा जी, बहुत दिनों बाद आपकी कोई ऐसी रचना पढ़ने को मिली है जिसको पढ़ते ही मन उछल उठता है और सीधे दिल से आवाज आती है, अरे वाह, क्या बात है, कथ्य,शिल्प,प्रवाह वाह वाह,

बहुत बहुत बधाई आदरणीय । 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 15, 2013 at 11:18pm

सुंदर व सार्थक रचना अभिव्यक्ति, बधाई स्वीकारें आदरणीय प्रदीप जी

Comment by MAHIMA SHREE on October 15, 2013 at 10:46pm

युग हो कोई

नयी बात नहीं

परोक्ष / अपरोक्ष

दिल के किसी कोने में

रावण रहता है

विष वमन

घायल तन मन

चिंतन  मनन

जन जन छलता है ...बहुत ही बढ़िया भावाभिव्यक्ति आदरणीया प्रदीप सर .. हार्दिक बधाई आपको

Comment by Sushil.Joshi on October 15, 2013 at 8:21pm

वाह वाह... एक सार्थक अभिव्यक्ति है आदरणीय प्रदीप जी.... और निश्चित रूप से अब आवश्यकता है कि कोई अवतार आए जो आज के वातावरण से हमें मुक्ति दिला सके......

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on October 15, 2013 at 7:56pm

अत्याचारों  की

जब जब  अति होती है

हरी भरी वसुंधरा

पापों से रोती  है

होता कोई अवतार

अधर्म पर धर्म की

विजय होती है

हम सब इसी आशा में है हो नया अवतार, आए हमारा तारनहार! सादर श्रद्धेय कुशवाहा जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 15, 2013 at 5:47pm

आदरणीय प्रदीप भाई , बहुत सही , बहुत सुन्दर बात कही है आपने रचना के माध्यम से !!!! बहुत बधाई !!!

अत्याचारों  की

जब जब  अति होती है

हरी भरी वसुंधरा

पापों से रोती  है

होता कोई अवतार

अधर्म पर धर्म की

विजय होती है -----------  --- वाह वाह !!!!सबको इंतिज़ार है आने वाले इसी दिन का !!!!

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