For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भई चंदा निकल रहा होगा

जहाँ पर्वत पिघल रहा होगा
चरागे इश्क जल रहा होगा

परिंदे लौटने लगे घर को
चढ़ा सूरज जो ढल रहा होगा

बना है आदमी क्यूँ घोड़ा ये
कोई बच्चा मचल रहा होगा

गलितयों से जो दोस्ती कर ले
वो अपने हाथ मल रहा होगा

नयन हैं तिश्नगी भरे उसके
कोई तो ख्वाब पल रहा होगा

भरे है दर्द वो मगर न कहे
उसे अपना ही छल रहा होगा

छतों पे भीड़ औरतों की है
भई चंदा निकल रहा होगा

जले जो दीप आँधियों में भी
वो गर्दिशों को खल रहा होगा  

संदीप पटेल "दीप"

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 749

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 8:32pm

परिंदे लौटने लगे घर को
चढ़ा सूरज जो ढल रहा होगा....... वाह.....

बना है आदमी क्यूँ घोड़ा ये
कोई बच्चा मचल रहा होगा........ क्या बात है....

छतों पे भीड़ औरतों की है
भई चंदा निकल रहा होगा.......... वाह करवाचौथ............. बहुत ही बढ़िया गज़ल कही है आ0 संदीप भाई...... बधाई हो आपको....

Comment by वेदिका on October 24, 2013 at 8:53am

छतों पे भीड़ औरतों की है
भई चंदा निकल रहा होगा,, वाह! इस शेअर तो करवाचौथ मना लिया| बहुत बढ़िया गज़ल काही आपने आ0 संदीप भाई!

एक बात कहना चाहती हूँ, आप कार्यकारिणी के सदस्य है| यदि आप ही गज़ल के साथ बहर संलग्न नहीं करेगे तो हमारे नए रचनाकारों को कैसे प्रेरणा मिलेगी| 

सादर !!   

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 24, 2013 at 8:33am

बधाई आदरणीय ...  बना है आदमी क्यूँ घोड़ा ये .. इसमें थोडा अटकाव प्रतीत हो रहा है.
सादर  

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 23, 2013 at 10:53pm

भरे है दर्द वो मगर न कहे
उसे अपना ही छल रहा होग......वाह! यह शेर बहुत पसंद आया

बहुत बढ़िया गजल, दिली दाद कुबूल कीजिये आदरणीय संदीप जी

Comment by बृजेश नीरज on October 23, 2013 at 10:22pm

उम्दा ग़ज़ल भाई जी! आपको बहुत बहुत बधाई!

Comment by ram shiromani pathak on October 23, 2013 at 8:30pm

आदरणीय भाई संदीप जी  बहुत ही उम्दा ग़ज़ल,हार्दिक बधाई आपको //सादर 

Comment by Meena Pathak on October 23, 2013 at 7:12pm

सुन्दर गज़ल हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें आ० संदीप जी 

Comment by annapurna bajpai on October 23, 2013 at 6:30pm

आ0 संदीप जी सुंदर गजल बहुत बधाई आपको । 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 23, 2013 at 4:17pm

आदरणीय प्रिय मित्रवर वाह दिल खुश कर दिया आपने बहुत ही उम्दा ग़ज़ल हरेक शेर लाजवाब ढेरों दिली दाद कुबूल फरमाएं.

Comment by विजय मिश्र on October 23, 2013 at 3:55pm
समय से सुंदर बात रखी संदीपजी , बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service