For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इश्क जब होगा सनम को जमाल कर देंगे

गमजदा लोग ये ऐसा कमाल कर देंगे

इतना रोयेंगे के हँसना मुहाल कर देंगे

 

झूठ कहने में उन्हें इस कदर महारत है

के सजर को भी वो तो नौ निहाल कर देंगे

 

कैसे हैं आज के बच्चे कहें भी क्या उनको

इक जबाब आता नहीं सौ सवाल कर देंगे

 

है यकीं अपनी मुहब्बत पे इस कदर उनको

इश्क जब होगा सनम को जमाल कर देंगे

 

हैं हम आजाद हवा इन्कलाब लाने को

"दीप" को एक सुलगती मशाल कर देंगे

 

संदीप कुमार पटेल "दीप"

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 626

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on November 14, 2013 at 4:57am

आ0 संदीप भाई...... इस शानदार प्रस्तुति हेतु बहुत बहुत बधाई.....

Comment by अरुन 'अनन्त' on November 13, 2013 at 4:00pm

आदरणीय प्रिय मित्रवर वाह बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने दिली मुबारकबाद कुबूल फरमाएं.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 12, 2013 at 5:08pm

//हैं हम आजाद हवा इन्कलाब लाने को

"दीप" को एक सुलगती मशाल कर देंगे//वाह बहुत अच्छा

आदरणीय संदीप जी बेहतरीन ग़ज़ल है, एक बात और आप अपने तखल्लुस को बहुत खूबसूरती से इस्तेमाल करते हैं

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 12, 2013 at 4:57pm

बेहतरीन ग़ज़ल संदीप जी ..मेरी तरफ से ढेरों बधाई स्वीकारें ..सादर 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on November 12, 2013 at 2:10pm

आदरणीय उमेश जी, आदरणीया सरिता जी , आदरणीय गोपाल जी, आदरणीय अन्नपूर्णा जी, आदरणीय गिरिराज सर, आदरणीय अरुण निगम सर आप सभी का ह्रदय तल से धन्यवाद स्नेह और आशीष यूँ ही बनाये रखिये

आदरणीय गिरिराज सर मार्गदर्शन हेतु आभार ......सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on November 12, 2013 at 8:39am

दीप  जिस  दिन  जलती मशाल हो जाए

हल उस दिन जिंदगी का सवाल हो जाए 

धड़कने  लगे  दिल  सीने  में  पत्थरों के 

संदीप  ग़ज़ल  कहें   तो धमाल हो जाए

 

कैसे हैं आज के बच्चे कहें भी क्या उनको

इक जबाब आता नहीं सौ सवाल कर देंगे.......................वाह भाई वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 12, 2013 at 7:38am

आदरणीय सन्दीप भाई , बहुत सुन्दर गज़ल कही है , ढेरों दाद कुबूल करें !!!!

!!!! सजर को शजर कर लीजिये !!!!

Comment by annapurna bajpai on November 11, 2013 at 11:09pm

सुंदर गजल !! आ0 संदीप जी । 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 11, 2013 at 10:55pm

कोई दाद न देगा तो माँ कसम

सारी बस्ती में धमाल कर देंगे

Comment by Sarita Bhatia on November 11, 2013 at 8:34pm

बहुत खूब आदरणीय संदीप जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service