लोभ कपट को त्यागकर ,रखो परस्पर नेह !
शुद्ध विचारों से करो ,शीतल अपनी देह !!१
याचक भी राजा बना ,राजा मांगे भीख !
काल चक्र से भी तनिक ,ले लो भाई सीख !!२
इतना तुम क्यूँ रो रहे ,भाई घोंचू लाल !
किसने पीटा आपको ,गाल दिखे हैं लाल!!३
अधर तुम्हारे पुष्प से ,मेरे प्यासे नैन !
जिस दिन तुम दिखती नहीं ,रहता हूँ बेचैन !!४
उन्हें देख जलने लगा ,मन का बुझा चिराग !
शनै: शनै: अब फैलती ,पूरे तन में आग !!५
विरह आग में जल रही ,नयनों में था नीर !
अपलक राह निहारती ,विरहन तृषित अधीर !!६
चंचलता जिसमें भरी ,खुजली करता जाय !
वानर का बस काम ये, छीन झपट कर खाय !!७
*********************************************
राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित
Comment
बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ जी। सादर
खिचड़ी अच्छी बनी है. बहुत-बहुत बधाई लें. और आगे भी खिलाते रहें. .. :-)))
शुभ-शुभ
आपका अमूल्य सुझाव बहुत अच्छा लगा मुझे ////// बहुत बहुत आभार आदरणीया प्राची जी। …सादर
सुन्दर दोहावली प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी
विरह आग में जल रही ,नयनों में था नीर !...................विरह अगन में जल रही, नयनों में ले नीर (यदि ऐसे करें तो ?)
अपलक राह निहारती ,विरहन तृषित अधीर !!६
हार्दिक शुभकामनाएं
bahut bahut aabhar adarneey bhai rajesh ji...saadar
बढि़या खिचड़ी है राम जी, बहुत-बहुत बधाई
वाह रामशिरोमणीजी बहुत खूब । बधाई बधाई
सार्थक और भावपूर्ण दोहे रचे है | बधाई श्री रामशिरोमणि पाठक जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online