For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देख तमाशा
नेता मांगते भीख
लोकतंत्र है ।

जांच परख
आंखो देखी गवाह
जज हो आज ।

खोलता वह
आश्‍वासनों का बाक्स
सम्हलो जरा

कागजी फूल
चढ़ावा लाया वह
हे जन देव

मदिरा स्नान
गहरा षडयंत्र
बेसुध लोग

चुनोगे कैसे
लड़खड़ाते पांव
ड़ोलते हाथ

होश में ज्ञानी
घर बैठे अज्ञानी
निर्लिप्त भाव

जड़ भरत
देश के बुद्धिजीवी
करे संताप

....................................
मौलिक अप्रकाशित

Views: 600

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by annapurna bajpai on October 30, 2013 at 6:48pm

क्या ही सुंदर हाइकु !! बहुत बधाई आपको । 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 30, 2013 at 10:29am

सुन्दर और सामयि हाइकु | बधाई श्री रमेश चौहान जी 

Comment by Sushil.Joshi on October 29, 2013 at 9:36pm

बहुत ही सुंदर एवं पूर्णत: सार्थक हाइकू हैं आ0 रमेश भाई जी..... बहुत बहुत बधाई....

Comment by रमेश कुमार चौहान on October 29, 2013 at 11:35am

आदरणीय विशाल जी, जितेन्द्रजी, राम शिरोमणीजी आप‍ विद्वतजनों की समहमती से रचनाकर्म सार्थक हुआ । आप सभी का हार्दिक आभार

Comment by ram shiromani pathak on October 29, 2013 at 11:23am

आदरणीय रमेश भाई ,बहुत ही मारक हाइकू हुए है // बहुत बहुत बधाई///सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 29, 2013 at 11:05am

एक से बढ़कर एक, सार्थक रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीय रमेश जी

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on October 28, 2013 at 9:52pm

सभी हायकू अपने शीर्षक को पूर्णतया सार्थक करते हुए........ हार्दिक बधाई स्वीकारें भाई !!!!

Comment by रमेश कुमार चौहान on October 28, 2013 at 3:49pm
आदरणीय पाण्डेयजी, आदरणीय भंडारीजी एवं आदरणीय राजेशजी आपलोगो ने रचना को मान दिया आपसब का आभार ।
Comment by राजेश 'मृदु' on October 28, 2013 at 3:25pm

जय हो आदरणीय, आपके हाईकु की छटा देखते ही बनती है, सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 28, 2013 at 2:02pm

आदरणीय रमेश भाई ,   बहुत सुन्दर सामयिक चुनावी हाईकू रचे आपने !!!! आपको दिली बधाई !!!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Jul 3

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service