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दीपावली की असीम शुभ कामना (गीतिका)

दीप पावन तुम जलाओ, अंधियारा जो हरे ।
पावन स्नेह ज्योति सबके, हृदय निज दुलार भरे ।
वचन कर्म से पवित्र हो, जीवन पथ नित्य बढ़े ।
लीन हो ध्येय पथ पर, नित्य नव गाथा गढ़े ।

कीजिये कुछ परहित काज, दीन हीन हर्षित हो ।
अश्रु न हो नयन किसी के, दुख दरिद्र ना अब हो ।
सीख दीपक से हम लेवें, हम सभी कैसे जियें ।
मन सभी निर्मल रहे अब, हर्ष अंतर्मन किये ।

शुभ करे लिये शुभ विचार, मानव का मान करे ।
भटक ना जाये मन राह, अधर्म कोई न करे ।
कायम हो शांति जगत में, विश्‍व बंधुत्व अब हो ।
मनुज मन उमंग जगावे, मंगल हर जीवन हो ।

नाना खुशी बरसावे, जगमग करते दीप ।
दीप पर्व की कामना, हर्षित हो मन मीत ।।

....................................
मौलिक अप्रकाशित

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Comment by Sushil.Joshi on November 9, 2013 at 12:01pm

सुंदर प्रस्तुति है राम भाई जी.... बधाई हो........ लेकिन आ0 बृजेश जी से पूर्णत: सहमत हूँ मैं भी.... गीतिका का तात्पर्य बताने का कष्ट करें.....

Comment by Sachin Dev on November 6, 2013 at 6:50pm

एक अच्छी रचना पर हार्दिक बधाई भाई रमेश कुमार चौहान जी ... ! 

Comment by बृजेश नीरज on November 6, 2013 at 5:14pm

बहुत अच्छा प्रयास है! आपको हार्दिक बधाई!

भाई जी, आपने 'गीतिका' लिखा है, मैं इसका मतलब नहीं समझ सका. क्या ये रचना गीतिका छंद में है?

यदि छंद है तो गीतिका छंद का शिल्प होता है- २१२२, २१२२, २१२२, २१२ 

आपकी रचना इसे तुष्ट नहीं कर रही है. कहीं कहीं चूक हो गयी है. कृपया देख लें!

यदि ये छंद नहीं है तो 'गीतिका' क्या है, इस पर प्रकाश डालें!

सादर!

Comment by अरुन 'अनन्त' on November 6, 2013 at 2:00pm

आदरणीय भाई जी बहुत ही नेक विचार हैं बहुत ही सुन्दर मनोकामना की है है आपने बहुत बहुत बधाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2013 at 9:54am

दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाए श्री रमेश चौहान जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 5, 2013 at 9:53am

आपको सुंदर कामनाओं की रचना पर हार्दिक बधाई व् दीपावली की मंगल शुभकामनायें

Comment by Abhinav Arun on November 5, 2013 at 4:56am

सुन्दर कामनाएं ...हार्दिक बधाई और साधुवाद आदरणीय !!

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on November 4, 2013 at 1:50pm

आपको भी दीवाली की शुभकामना के साथ गीतिका की बधाई।

Comment by coontee mukerji on November 4, 2013 at 1:49pm

शुभ करे लिये शुभ विचार, मानव का मान करे ।
भटक ना जाये मन राह, अधर्म कोई न करे ।
कायम हो शांति जगत में, विश्‍व बंधुत्व अब हो ।
मनुज मन उमंग जगावे, मंगल हर जीवन हो ।...........इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है.

शुभकामनाएँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 3, 2013 at 6:29pm

!!!!!!!!!!!!!!! लाजवाब !!!!!!!!!!!!! , आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभ कामनायें !!!!!!!!!

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