दीवाली के दोहरे
होती है हर एक को, रिद्धि सिद्धि की चाह।
दीप पर्व दिखला रहा, अंतर मन को राह।१।
उनका जीवन पथ चुनें, करें आत्म उत्थान।
जिनके जीवन में मिला, यश कीरत सन्मान।२।
दीपक बाती ज्योति की, सुख समृद्धि का ठांव।
दीप तीर्थ है ज्योति का, आशीषों का गांव ।३।
हमें सदा तत्पर रखे, सत्कर्मो के संग।
दीवाली का दीप हर, मन में भरे उमंग।४।
मिला जिसे हर पर्व पे, रानी जैसा मान।
पटरानी सी राजती, दीवाली दिल जान।५।
-सत्यनारायण सिंह
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
बहुत सुन्दर और सार्थक दोहे | ढेरों बधाइयां श्री सत्यनारायण सिंह जी | प्रकाश की किरने आपके जीवन को प्रकाशित करती रहे
सुन्दर सकारात्मक संदेशपरक दोहे ! साधुवाद और शुभकामनायें आ. सत्यनारायण जी .
बढ़िया प्रस्तुति-
दीप पर्व की शुभकामनायें आदरणीय-
आदरणीय सत्य नारायण भाई ,सुन्दर दोहरों के लिये आपको बहुत बहुत बधाई !!
सुंदर दोहरे और दीवाली की बधाई ।
बहुत सुंदर रचना.
शुभ शुभ.
सादर
कुंती.
आदरणीय सत्य नारायण भाई , सुन्दर दोहरों के लिये आपको ढेरों बधाई !!!! दीपावली की आपको भी शुभ कामनायें !!!!
दीपपर्व पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं पर्व विशेष पर प्रस्तुत दोहे के लिये बधाई
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