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"ग़ज़ल के फ़लक पर - १" संपादक - राणा प्रताप सिंह - प्रविष्टि आमंत्रित

अंजुमन प्रकाशन की नई पेशकश "ग़ज़ल के फ़लक पर - १"
(२०० युवा शाइरों का साझा ग़ज़ल संकलन)

पुस्तक परिचय

पुस्तक – ग़ज़ल के फ़लक पर - १
संपादक – राणा प्रताप सिंह
२०० शाइरों की ३-३ ग़ज़लें
पृष्ठ – २०८
पुस्तक आकार – A4 (डबल डिमाई से दोगुना आकार)
बाईंडिंग – हार्ड बाउंड
पुस्तक मूल्य – ४०० रुपये

इस संकलन में शामिल होने के लिए निम्नलिखित नियम व शर्त हैं -

* देश-विदेश के ऐसे शाइर जिनका जन्म १ अप्रैल १९७४ को अथवा उसके बाद हुआ है केवल उन्हें ही इस संकलन में स्थान दिया जाएगा|

* शाइरों से १० मौलिक प्रतिनिधि ग़ज़लें आमंत्रित हैं, आग्रह है कि शाइर अपनी वो ग़ज़लें भेजें जिनको पाठकों व श्रोताओं से अधिकाधिक स्नेह मिला हो|

* चयन व सम्पादन के उपरांत प्रत्येक शाइर की तीन से पांच ग़ज़लों को संकलन में स्थान मिलेगा अर्थात संकलन में कुल ६०० से अधिक गज़लें प्रकाशित होंगी|

* गज़लें देवनागरी लिपि में टाइप की हुई / स्पष्ट हस्तलिखित होनी चाहिए| प्रत्येक पृष्ठ पर केवल एक ग़ज़ल होनी चाहिए| प्रविष्टि यदि ई-मेल से भेज रहे हैं तो ग़ज़लें वर्ड फ़ाइल में कृतिदेव अथवा यूनीकोड फॉण्ट में टाइप होनी चाहिए|

* ग़ज़लों के साथ शाइर अपना परिचय भेजें| परिचय में केवल निम्न बिन्दुओं को शामिल करें - नाम / जन्म तिथि / एक मोबाइल नंबर / एक ई मेल पता / निवास
इनके अतिरिक्त कोई जानकारी न भेजें | फोटो न भेजें |

* इस संकलन में केवल उन शाइर को स्थान मिलेगा जिनका जन्म ३१ मार्च १९७४ के बाद हुआ है| उम्र सत्यापित करने के लिए ई-मेल से कृपया अपना हाईस्कूल का अंक पत्र स्कैन करके अथवा डाक से भेजते समय हाईस्कूल अंक पत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति भेजें अथवा कोई ऐसा प्रपत्र प्रस्तुत करें जिससे शाइर की उम्र सत्यापित हो सके |
शाइर की उम्र सत्यापित न हो पाने की दशा में संकलन में स्थान दे पाना संभव न होगा|

* शाइर लिखित रूप से स्वप्रमाणित करें कि ग़ज़लें नितांत मौलिक हैं, इसमें किसी के कापीराईट का उल्लंघन नहीं हुआ है | यदि कापीराईट का उल्लंघन होने के कारण प्रकाशक पर किसी प्रकार की कार्यवाही की गई तो शाइर प्रकाशक की क्षतिपूर्ती करेगा|

* संकलन के लिए प्रविष्टियों के चयन का सर्वाधिकार सम्पादक के पास सुरक्षित है | किसी शाइर की ग़ज़लों का चयन न होने की दशा में संपादक शाइर को कारण बताने को बाध्य नहीं होगा

* संकलन में स्थान मिलने पर शाइर संकलन खरीदने को बाध्य नहीं होगा|

* प्रकाशनोपरांत पुस्तक आनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध होगी |

* पुस्तक शाइरों/पाठकों हेतु प्रकाशन पूर्व ‘प्री बुकिंग’ के लिए उपलब्ध होगी जिस पर प्रकाशक द्वारा उचित छूट दी जायेगी| (पुस्तक वीपीपी से नहीं भेजी जायेगी)  

* प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि ३१ दिसंबर २०१३ है | संकलन के मार्च २०१४ तक प्रकाशित होने की संभावना है|

ग़ज़लें भेजने का पता -
डाक से -
अंजुमन प्रकाशन
942 मुट्ठीगंज (आर्य कन्या चौराहा) इलाहाबाद 211003

ई मेल से -
singhpratapus@gmail.com

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Comment by vandana on December 25, 2013 at 7:03am

मेरी ओर से भी रचनाकारों और आदरणीय राणा प्रताप जी और वीनस  जी को अग्रिम बधाई एवं बहुत 2 शुभकामनाएं 

Comment by सूबे सिंह सुजान on December 22, 2013 at 9:07pm

राणा जी, वीनस भाई क्या मैं अपनी रचनायें भेज सकता हूँ। मेरी जन्म तिथि  प्रमाण पत्र अनुसार 21 फरवरी 1974 है। क्या यह शर्त मैं पूरी कर  पा रहा हूँ। हालांकि यह तिथि आगे फीछे हो सकती है लेकिन स्र्टिफिकेट में यही है।

Comment by Suyash Sahu on December 22, 2013 at 5:39pm

सुयश साहू के द्वारा पोस्ट किये गए सभी अनावश्यक चित्र तत्काल प्रभाव से हटाये गये.

ऐडमिन

2013122209

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 22, 2013 at 5:39pm

ओ बी ओ साहित्य मंच पर आपका स्वागत है, यदि आप गज़लें भेजना चाहते हैं तो कृपया उपरोक्त ईमेल पते पर भेजें. और यदि आप अपनी रचनाएँ सब सभी को पढवाना चाहते तो ब्लॉग पर पोस्ट करें फोटो के बिना. पोस्ट करने से पहले आवश्यक सूचना में नियमों को ध्यान पूर्वक पढ़ें. यदि कोई समस्या हो तो निःसंकोच पूछ सकते हैं.

सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 22, 2013 at 5:36pm

साहू भाई तनिक रुकिए इतनी रचनाएँ क्यूँ पोस्ट कर रहे हैं भला नियमों को ध्यान पूर्वक पढ़ें.

Comment by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर" on November 13, 2013 at 3:12pm

हमारी तरफ से आप सब को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बहुत धन्यवाद । साहित्य-सेवा मेँ यह बहुत ही सराहनीय कदम है और वाकई एक सुनहरी मौका, और इस के लिए हम ओ.बी.ओ टीम और अंजुमन प्रकाशन के सदैव आभारी रहेँगे ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 13, 2013 at 1:15pm

//यहाँ किसी किताब के प्रकाशन की बंदिश नहीं है, बस जो गज़लें भेजें वह अप्रकाशित होनी चाहिए //

इस स्पष्टता के लिए हार्दिक धन्यवाद, भाई राणाजी.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 13, 2013 at 8:19am

////"सर्वमान्य और स्थापित शुअरा की ग़ज़लें भी इस संकलन में स्थान पायेंगीं यदि उनकी मात्र एक किताब ही प्रकाशित हुई है."////

आदरणीय सौरभ जी यहाँ किसी किताब के प्रकाशन की बंदिश नहीं है, बस जो गज़लें भेजें वह अप्रकाशित होनी चाहिए | केवल एक किताब के प्रकाशन की बंदिश अंजुमन ग़ज़ल नवलेखन पुरस्कार में है |

Comment by Prakash Pakhi on November 12, 2013 at 3:50pm
युवा शाइरों को आगे लाने के इस महान प्रयास के लिए आपको साधुवाद।कृपया एक प्रति मेरे लिए अग्रिम बुक कर ले। बेसब्री से बाट देख रहा हूँ इस पुस्तक के प्रकाशित होने का।
Comment by shashi purwar on November 12, 2013 at 7:59am

sabhi rachnakaro ko agrim shubhkamnaye , rana ji ko bhi hardik badhai aur shubhkamnaye

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

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