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जीवन का आधार.......

जीवन का आधार........

 

हर सांस

ज़िंदगी के लिए

मौत से लड़ती है

हर सांस

मौत की आगोश से

ज़िंदगी भर डरती है

अपनी संतुष्टि के लिए वो

अथक प्रयास करती है

मगर कुछ पाने की तृषा में

वो हर बार तड़पती है

तृषा और तृप्ति में सदा

इक दूरी बनी रहती है

विषाद और विलास में

हमेशा ठनी रहती है

ज़िंदगी प्रतिक्षण 

आगे बढ़ने को तत्पर रहती है

और उसमें जीने की ध्वनि

झंकृत होती रहती है

हर कदम पे लक्ष्य

बदलते रहते हैं

शह और मात के

इस खेल में जीत के

प्रयास चलते रहते हैं

हार जीने के प्रयास को

आगे ले जाती है

जीत जीवन के नए

लक्ष्य बनाती है

प्रतिक्षण जीने का संघर्ष

ही जीवन का आधार है

संघर्ष का विराम ही

जीवन पृष्ठ का उपसंहार है

 

सुशील सरना

 

''मौलिक एवं अप्रकाशित ''

Views: 737

Comment

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Comment by Sushil Sarna on November 28, 2013 at 6:15pm

Arun Sharma jee rachna par aapkee snehil pratikriya aur sujaav ka haardik aabhaar. sheh ko durust kr diya hai...ye tankan kee truti thee...aapka haardik aabhaar

Comment by अरुन 'अनन्त' on November 28, 2013 at 11:55am

आदरणीय जीवन के उतार चढाव का सुन्दर चित्रण किया है आपने इस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें.

(शाह और मात के या शय और मात)

Comment by annapurna bajpai on November 27, 2013 at 11:11pm

जीवन दर्शन को शब्द देती आपकी रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई । 

Comment by MAHIMA SHREE on November 27, 2013 at 9:12pm

बहुत खूब ,... जीवन के दर्शन को बेहद खूबसूरती से बयाँ किया आपने ..हार्दिक बधाई

Comment by Sushil Sarna on November 26, 2013 at 8:25pm

Vijay Mishr jee rachna par aapkee snehatmak pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by विजय मिश्र on November 26, 2013 at 5:57pm
अत्यंत सुंदर भाव संयोजन और जीवन के मनोविज्ञान का हृदयहारी दर्शन ! बधाई और आभार सुशीलजी |
Comment by Sushil Sarna on November 26, 2013 at 3:47pm

Meena Pathak jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Meena Pathak on November 26, 2013 at 1:27pm

बहुत सुन्दर | बधाई स्वीकारें आदरणीय 

Comment by Sushil Sarna on November 26, 2013 at 1:26pm

Thanks Rahul Dev for liking the poem

Comment by Sushil Sarna on November 26, 2013 at 12:35pm

aa.Shijju Shakoor jee rachna par aapke snehankit shabdon ka haardik aabhaar

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