दिल पर रख कर हाथ तुम, कर लो कुछ विचार ।
देश धर्म के रक्षण पर, करते निज उपकार ।।
समय अभाव सभी कहे, समय साथ ना कोय ।
साथ समय का जो चले, निर्धनता ना होय ।।
समय बहुमूल्य रत्न है, मिले सदा बेमोल ।
पर्स रखे जो वक्त को, मगन रहे दिल खोल ।।
हल्ला भ्रष्टाचार का, करते हैं सब कोय ।
जो बदलें निज आचरण, हल्ला कैसे होय ।।
घुसखोरी के तेज से, तड़प रहे सब लोग ।
रक्तबीज के रक्त ये, मिटे कहां मन लोभ ।।
मिट रहा अपनापन अब, नही बचा चितचोर ।
रिश्ता रिश्ता ना लगे, सभी स्वार्थ के शोर ।।
जग उपदेशक लोग सब, शिष्य दिखे ना कोय ।
एकलव्य सा शिष्य बन, ज्ञान मूर्ति से होय ।।
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मौलिक अप्रकाशित
Comment
दोहे कहने का सुन्दर प्रयास किया है भाई रमेश चौहान जी, बधाई प्रेषित है. इस प्रकार की रचना पोस्ट करने करने से पहले मात्रायों की गिनती ध्यान से करने की आदत डालें।
आ० रमेश कुमार चौहान जी
बहुत कमियाँ रह गयी हैं इन दोहों में..
एक एक दोहा ध्यान से देखें और शिल्प के अनुरूप उसे ढालें... शब्द संयोजन के कारण गेयता भी अवरुद्ध है.
मंच पर और लोगों के निर्दोष दोहे अवश्य ही पढ़ें और सस्वर पढ़ें... इससे गेयता और प्रवाह अपने आप ही आत्मसात होता जाएगा
शुभेच्छाएँ
आदरणीय जितेन्द्रजी, आपकी प्रशंसा से रचनाकर्म करने को बल मिला सादर धन्यवाद
समय बहुमूल्य रत्न है, मिले सदा बेमोल ।
पर्स रखे जो वक्त को, मगन रहे दिल खोल..........सच! समय अनमोल है
मिट रहा अपनापन अब, नही बचा चितचोर ।
रिश्ता रिश्ता ना लगे, सभी स्वार्थ के शोर.............स्वार्थ ही रिश्ता बन गया है
बहुत सुंदर संदेशप्रद दोहावली, बधाई आदरणीय रमेश जी
आदरणीय सौरभजी, अगामी छंदोत्व का अध्ययन किया यदा संभव आत्मसात करने का प्रयास किया हूॅ । पुन: इसका अध्ययन करूगा । आप इसी प्रकार स्नेह बनाय रखियेगा । सादर धन्यवाद
आप अक्सर इस मंच के आयोजनों में गंभीर कोशिश करते हैं. आने वाले ’चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव की भूमिका देखी है आपने आदरणीय ?
उसे पढ़े तो कई तथ्य दृष्टिगत होंगे.
सादर
आदरणीय भंडारीजी, यथोचित मार्गदर्शन के लिये साधुवाद । "कर लो कुछ विचार" में भूल से 10 मात्रा ही है । इसे "कर लो जरा विचार" पढ्ने की कृपा हो । वास्तव मे गेयता मेरी कमजोरी बन कर उभर रही है । इसमें काबू पाने का असफल प्रयास करते आ रहा हू, उचित मार्गदर्शन की प्रतिक्षा है । सादर धन्यवाद
आदरणीय रमेश भाई , दोहो का बहुत सुन्दर प्रयास हुआ है आपको बधाइयाँ ॥ कहीं कहीं गेयता बाधित है ॥
कर लो कुछ विचार । --- 10 मात्रायें हो रही है , सुधार लीजियेगा ॥
सुंदर रचना....बधाई स्वीकार करें.
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