For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कह मुकरियाँ -- शशि पुरवार

इस विधा में प्रथम प्रयास है -- ( १- ४ )

सुबह सवेरे रोज जगाये
नयी ताजगी लेकर आये
दिन ढलते, ढलता रंग रूप
क्या सखि साजन ?
नहीं सखि धूप

साथ तुम्हारा सबसे प्यारा
दिल चाहे फिर मिलू दुबारा
हर पल बूझू , यही पहेली
क्या सखि साजन ?
नहीं सहेली

रोज ,रात -दिन चलती जाती
रुक गयी तो मुझे डराती
झटपट चलती है ,खड़ी - खड़ी
क्या सखि साजन ?
ना काल घडी

धन की गागर छलकी जाये
पाने वाला खुश हो जाये
देने वाला बने धनवान
क्या सखि साजन ?
नहीं सखि ज्ञान

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 702

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अजीत शर्मा 'आकाश' on March 16, 2014 at 6:04pm

अच्छी कह मुकरियों के लिये हार्दिक बधाई ॥

Comment by अजीत शर्मा 'आकाश' on March 16, 2014 at 6:02pm

अच्छी कह मुकरियों के लिये हार्दिक बधाई ॥

Comment by shashi purwar on February 26, 2014 at 4:10pm

आदरणीय योगराज जी मुकरिया के जबाब में आपकी मुकरिया बहुत अच्छी लगी आपको बधाई और तहे दिल से आभार

Comment by shashi purwar on February 26, 2014 at 4:09pm

आदरणीय अरुण जी मार्गदर्शन हेतु तहे दिल से आभार

आदरणीय आशुतोष जी  इस विधा को पढ़कर बहुत आनंद आया तो रहा ही नहीं गया ,भूल यह हो गयी इसके बारे में ज्यादा ज्ञात नहीं था सिर्फ सुना ही था। आपका आभार

राम जी बहुत बहुत धन्यवाद 

आदरणीय प्राची जी इस सन्दर्भ में कुछ भ्रम होने की बजह से यह गलती हुई मार्गदर्शन हेतु आभार , इन्हे जरुर परिवर्तित कर दूँगी

Comment by shashi purwar on February 26, 2014 at 4:04pm

आदरणीय योगराज जी आभार आपकी प्रतिक्रिया से गलती समझ गयी और आपकी मुकरियाँ पढ़कर आनंद आया और मुस्कान भी :)

मुझे यह ज्ञात नहीं था की साजन का ही भ्रम दिखाना है कुछ और जगह बहुत से भाव की मुकरी पढ़ी थी इसीलिए भ्रमित हो गयी , पर इन्हे अब सुधार लूंगी

मार्गदर्शन हेतु तहे दिल से आभार


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 25, 2014 at 1:53pm

कहमुकारियों पर सुन्दर प्रयास हुआ है आ० शशि जी 

विधा के अनुसार कह्मुकरी में पहली तीन पंक्तियों में साजन की ही बात होने का भ्रम होना चाहिए तो.. इस दृष्टि से पंक्तियाँ पुल्लिंग संज्ञा का निर्वहन करटी हुई होनी चाहियें...

रोज ,रात -दिन चलती जाती
रुक गयी तो मुझे डराती
झटपट चलती है ,खड़ी - खड़ी.................यहाँ तो स्त्रेकिंग संज्ञा की बात की गयी है 
क्या सखि साजन ?............................तो साजन का भ्रम कैसे हो सकता है ?
ना काल घडी

इस प्रयास पर मेरे शुभकामनाएं 

सस्नेह 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 22, 2014 at 6:22pm

आदरणीया शशि जी ...अभी कुछ दिनों से ही काव्य की इस बिधा पर लगातार पढने को मिल रहा है ..बचपन में कुछ फ़िल्मी गीत इस तरह के सुने थे ..आपका प्रयास बहुट अच्छा लगा ..मेरे मन में जो संसय थे उनका निवारण विद्वतजनो ने पहली ही कर दिया है ..आपको तहे दिल बधाई के साथ ..सादर 

Comment by ram shiromani pathak on February 22, 2014 at 2:04pm

सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया शशि जी,बाकी गुरुजनों ने कह ही दिया है .........   सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on February 21, 2014 at 9:01pm

आदरणीया , रुक ( RUK) के र में छोटे उ की मात्रा होती है। रूप ( ROOP) के र में बड़े ऊ की मात्रा होती है अतएव रुक को दो और रूप को ३ मात्रा में गिना जाता है।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on February 21, 2014 at 3:23pm

//रोज ,रात -दिन चलती जाती
रुक गयी तो मुझे डराती
झटपट चलती है ,खड़ी - खड़ी
क्या सखि साजन ?
ना काल घडी//

कहमुकरी ऊपर से जाए   
नर या मादा समझ न आए   
राजन को कर डाला रजनी
क्या "शशि" साजन ?
ना "शशि" सजनी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service