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आपकी इस ग़ज़ल ने प्रभावित किया है, आदरणीया. हृदय से बधाई और ढेर सारी दाद !
शुभ-शुभ
जीवन का एक फलसफा साझा करती सुन्दर ग़ज़ल हुई है
हार्दिक बधाई स्वीकारिये आ० पूनम शुक्ला जी
जुल्म की रात हरदम डराती हमें
जालिमों का खुलासा मगर कीजिए................बहुत खूब आदरणीया!
बहुत सुन्दर ग़ज़ल! आपको हार्दिक बधाई!
इम्तेहाँ हर कदम में तो आते ही हैं
जीत गाएगी थोड़ा सबर कीजिए
जिन्दगी का दुखों से सरोकार है
हो सके गर बसर तो बसर कीजिए
बहुत सुंदर भावपूर्ण गजल आदरणीया पूनम जी, आपको हार्दिक बधाई
वाह पूनम जी खुबसूरत
बहुत खूब , आ0 पूनम जी sundआर भाव पूर्ण गजल के लिए बधाई ।
आदरणीया, पूनम जी एक भावपूर्ण ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई
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