For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुत्ते का बच्चा

कुत्ते का बच्चा 

गया मर,
एड़ियाँ रगड़,
किसे फिकर,
काली चमकती सड़क,,
चलती गाड़ियाँ बेधड़क,
बैठा हाकिम अकड़,
कलफ़ कड़क,
सड़क पर किसका हक़?
क्यों रहा भड़क?
किसके लिए बनी
काली चमकती सड़क?
कुत्ता कितना कुत्ता है
चला आता है,
धुल भरी पगडंडियां
गाँव की
छोड़कर.

.. नीरज कुमार नीर
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 649

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on April 7, 2014 at 10:32pm

आदरणीया डॉ प्राची सिंह साहिबा .. हार्दिक आभार आपका .....कुत्ते का बच्चा, जैसा आपने सही कहा इसके पीछे के सत्य कुछ और ही , है , मेट्रो में रहने वाले बड़ी गाड़ियों में चलने वालों के लिए ये सर्वदा अवांछित ही रहते है, और इनकी भी मजबूरी है कि जिस गाँव में इनका घर है वहां पेट नहीं पलता ..  मजबूरी मजबूर करती है कुत्ते सी जिंदगी जीने के लिए बड़े शहरों की गन्दी बस्तियों में ...   हां धुल को धूल कर लूँगा आभार आपका ध्यान आकृष्ट करने हेतू . 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 7, 2014 at 9:57pm

जीव-जंतुओं के प्रति इतनी संवेदनशीलता आज तेज़ रफ़्तार में गाड़ियां दौड़ाते जोशीले चालकों में कहाँ... 

अकसर ऐसे दृश्य हम सभी देखते हैं... और 

कुत्ता कितना कुत्ता है................................इस पंक्ति में बहुत छिपे सत्य और भी हैं 
चला आता है, 
धुल भरी पगडंडियां ...............धुल को धूल कर लीजिये 
गाँव की 
छोड़कर.

इस संवेदनशील प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई 

Comment by Neeraj Neer on April 3, 2014 at 8:09am

आपका हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी .. कविता की पीछे की सोच को समझने और सराहने के लिए बहुत धन्य्यवाद.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 3, 2014 at 2:56am

एक सशक्त सोच से उभरी इस कविता के लिए हार्दिक बधाई, भाईजी.
शुभ-शुभ

Comment by Neeraj Neer on March 26, 2014 at 8:51pm

हार्दिक आभार आपका आदरणीय विजय मिश्र साहब ..

Comment by विजय मिश्र on March 26, 2014 at 4:45pm
कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि कम ही शब्दों में आपने अत्यंत मर्मान्तक भाव चित्र उकेरे हैं |बधाई नीरजजी |
Comment by Neeraj Neer on March 25, 2014 at 7:50pm

डॉ आशुतोष मिश्र साहब हार्दिक आभार आदरणीय.

Comment by Neeraj Neer on March 25, 2014 at 7:50pm

आदरणीय अभिनव अरुण जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद .

Comment by Neeraj Neer on March 25, 2014 at 7:49pm

आदरणीय लडिवाला साहब हार्दिक आभार ..

Comment by Neeraj Neer on March 25, 2014 at 7:49pm

आदरणीय गणेश जी आपका हार्दिक आभार.. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
29 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी प्रदत्त विषय पर आपने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है। इस प्रस्तुति हेतु…"
31 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, अति सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"गीत ____ सर्वप्रथम सिरजन अनुक्रम में, संसृति ने पृथ्वी पुष्पित की। रचना अनुपम,  धन्य धरा…"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"वाह !  आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त विषय पर आपने भावभीनी रचना प्रस्तुत की है.  हार्दिक बधाई…"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
Thursday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
Thursday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service