For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दूर करे अभाव (कामरूप छंद) - लक्ष्मण लडीवाला

दूर करे अभाव (काम रूप छंद 9-7-10 पर यति)

निर्भय रहे सब, वोट देकर,  करे सही चुनाव |

सही चुनाव से,  देश में हो, दूर करे अभाव ||

अच्छे को चुने, करे न लोभ, हो तभी कुछ काम 

ऐसा क्यों चुने, चुनकर वही, वसूले सब दाम ||

 

जानती जनता, करे वादे, वह भी नहीं याद |

मांगती जनता, हाथ मलता, चुनावों के बाद ||

प्रीत हो जन की,रीत सब की,हो नहीं अपमान 

सुन्दर छवि देख, जात न रेख, देश का हो मान ||

 

जागरूक बने, कर्तव्य है, अधिकार भी जान  

चिन्ह चुनाव में, ठीक देखकर, हो सही मतदान |

कौन जान सके, किसको दिया, ये है गुप्त दान |

चूक करने पर,  दोषी भाव, दे सभी को ज्ञान ||

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 602

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 1, 2014 at 5:45pm

आपका हार्दिक आभार श्री सत्यनारायण सिंह जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 1, 2014 at 5:44pm

"कामरूप छंद की विधा के विषय में तो नहीं कह सकता, हाँ, आपकी रचना चुनावों के माहोल में बहुत अच्छा संदेश दे रही है। आपको हार्दिक बधाई।" अभी तो चुनावी माहौल में अगर सुन्दर सन्देश भी मिल रहा है, तो यह मेरा सौभाग्य है | आपका हार्दिक आभार श्री विजय निकोरे जी 

Comment by Satyanarayan Singh on May 1, 2014 at 11:54am

इस सन्देश परक रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय लडिवाला जी

Comment by vijay nikore on April 28, 2014 at 11:33am

कामरूप छंद की विधा के विषय में तो नहीं कह सकता, हाँ, आपकी रचना चुनावों के माहोल में बहुत अच्छा संदेश दे रही है। आपको हार्दिक बधाई।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 28, 2014 at 8:18am

आपका हार्दिक आभार श्री (डॉ) अशुतौश मिश्रा जी | इस प्रथम प्रयास पर शिल्प और लयात्मक टिपण्णी की विद्वजनों से 

आकांक्षा है | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 26, 2014 at 6:23pm

छंद आपको पसंद आया, मेरा उत्साहवर्धन हुआ है भाई श्री गिरिराज भंडारी जी, एवं श्री जितेन्द्र "गीत" जी | चुनावी माहौल

 को देखते हुए ही पोस्ट करना उचित समझा | 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 26, 2014 at 6:18pm

आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीया कुंती मुकर्जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 26, 2014 at 6:17pm

कामरूप छंद पर प्रथम प्रयास है जो छंद समारोह के लिए रचा गया था | आपका समर्थन मिला इसके लिए हार्दिक आभार

श्री अखिलेश कृष्ण श्रीवास्ताव जी 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 26, 2014 at 3:36pm

आदरणीय लक्षमण जी चुनावों के इस माहोल में इस रचना का और ही आनंद है ..मेरी तरफ से हार्दिक बधाई ,,सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 25, 2014 at 10:19pm

बहुत बढ़िया सन्देश देती हुई रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीय लक्ष्मण जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
yesterday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
Tuesday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
Tuesday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service