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हर ग़ज़ल अच्छी बनेगी ये जरूरी तो नहीं
दुनिया मुझको ही पढेगी ये जरूरी तो नहीं
फ़ौज सरहद पे खडी हो चाहे दुश्मन की तरह
कोई गोली भी चलेगी ये जरूरी तो नहीं
आज सागर हाथ में माना कि मेरे दोस्तों
प्यास पर मेरी बुझेगी ये जरूरी तो नहीं
इन चिरागों में भरा हो तेल कितना भी भले
रात भर बाती जलेगी ये जरूरी तो नहीं
आज उसकी ही खता है खूब है उसको पता
मांग पर माफी वो लेगी ये जरूरी तो नहीं
जोड़ लो दुनिया की दौलत जीत लो हर जंग ही
जिन्दगी हँस के कटेगी ये जरूरी तो नहीं
मुस्कुरा के इक हसी ने बात कर ली है अगर
हमसफ़र भी वो बनेगी ये जरूरी तो नहीं
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
हर ग़ज़ल अच्छी बनेगी ये जरूरी तो नहीं
दुनिया मुझको ही पढेगी ये जरूरी तो नहीं .... व्ााह दिल को छूते अशआरों से भरी इस ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ आशुतोष जी
दुनिया मुझको ही पढेगी ये जरूरी तो नहीं..............sach kaha aap ne
bahut khoob ... badhai
बहुत खुबसूरत गजल आदरणीय डा.आशुतोष जी, दिली बधाइयाँ स्वीकारें
//हर ग़ज़ल अच्छी बनेगी ये जरूरी तो नहीं
दुनिया मुझको ही पढेगी ये जरूरी तो नहीं
आज सागर हाथ में माना कि मेरे दोस्तों
प्यास पर मेरी बुझेगी ये जरूरी तो नहीं
इन चिरागों में भरा हो तेल कितना भी भले
रात भर बाती जलेगी ये जरूरी तो नहीं
जोड़ लो दुनिया की दौलत जीत लो हर जंग ही
जिन्दगी हँस के कटेगी ये जरूरी तो नहीं//
वाह आदरणीय आशुतोष सर बेहतरीन ये अशआर तो खासतौर पर कमाल के बन पड़े हैं दिली दाद कुबूल करें
इन चिरागों में भरा हो तेल कितना भी भले
रात भर बाती जलेगी ये जरूरी तो नहीं .....सही है गारण्टी तो किसी की नहीं है ।
जोड़ लो दुनिया की दौलत जीत लो हर जंग ही
जिन्दगी हँस के कटेगी ये जरूरी तो नहीं ....बिल्कुल खुशी न खरीदी जा सकती है न जंग में जीती जा सकती है
आदरणीय डॉ आशुतोष जी बहुत खूब लिखा।
मुस्कुरा के इक हसी ने बात कर ली है अगर
हमसफ़र भी वो बनेगी ये जरूरी तो नहीं ... इक हसी ने ??
हर ग़ज़ल अच्छी बनेगी ये जरूरी तो नहीं
दुनिया मुझको ही पढेगी ये जरूरी तो नहीं
फ़ौज सरहद पे खडी हो चाहे दुश्मन की तरह
कोई गोली भी चलेगी ये जरूरी तो नहीं.....बहुत खूब.
हर ग़ज़ल अच्छी बनेगी ये जरूरी तो नहीं
दुनिया मुझको ही पढेगी ये जरूरी तो नहीं
waah sir ji kya baat hai,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बहुत खूब ! इस सुंदर गजल हेतु बधाई स्वीकारें । |
sundar gazal - badhaaee
मैंने पढ ली है गजल उफ़ क्या कहा है आपने
मगर दूं मैं दाद भाई ये जरूरी तो नहीं i
इरशाद i
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