For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पर्यावरण दिवस पर नाइट्रोजन नुट्रिलिटी - कोस्टा रीका -डा० विजय शंकर

धूल मिटटी है , सोना है , ताकत है इतनी कि जिसमें मिल जाए उसे मिटटी बना डाले . पर खेत में हो तो सचमुच सोना ही सोना . खेत के अलावा कहीं भी हो तो मुश्किल ही मुश्किल , हटाना ही पड़ता है . हटा भी दिया लोगों ने धूल को, कम से कम आवासीय परिक्षेत्र से , सड़कों से , तो हटा ही दिया है . धूल को हटाने के तरह तह के तरीके अपनाते हैं लोग , यहां तक की फूलों की क्यारियों में , गमलों में , पेड़ों के थालों में लकड़ी की छोटी छोटी खप्पचियां मोटी-मोटी परतों में भर देते हैं जिससे उतनी धूल भी न उड़े और उनकें जीवन को कष्टप्रद न बनाये . प्रयास इस बात का होता है कि अपने देश की धरती को , सम्पूर्ण धरती को अधिक से अधिक जीवन दायनी बनाया जाये . देशवासियों को स्वस्थ और अधिक से अधिक सुखी जीवन दिया जाये . आद्यौगिक विकास की तेज दौड़ में शामिल देश इन बातों के लिए बहुत- बहुत चिंतित रहते हैं कि उनकें देशवासियों को हर जगह शुद्ध स्वांस वायु मिले और नाइट्रोजन और अन्य विषाक्त गैसें उनके जीवन को क्षति न पहुंचा सकें. नाइट्रोजन से मुक्ति या नाइट्रोजन - तटस्थता देशों का नहीं विश्व का लक्ष्य बनता जा रहा है .
हैपी प्लेनेट इंडेक्स इस दिशा में काफी समय से सक्रिय है और विश्व के विभिन्न देशों की विविध जीवन उपयोगी व्यवस्थाओं और जीवन की स्थाई भलाई की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर उनकीं तुलनात्मक स्थिति के आधार उनका उन्नयन (ग्रेडेशन ) भी करता हैं . वह जीवन-प्रत्याशा , अच्छे जीवन की सुखानुभूति और पारिस्थितिक पदचिन्हों सम्बन्धी विश्व स्तरीय सूचनाओं के आधार पर गणना करता है . इसी से हमें यह पता चलता है कि औद्योगिक और तकनिकी दृष्टि से बहुत आगे रहने वाले बहुत से देश सुखद जीवन स्थितियां दे सकने में कितने पीछे हैं . संभवतः हम में से बहुतों के लिए यह जानना आश्चर्यजनक होगा कि सेन्ट्रल अमेरिका में कोस्टा रीका नामक छोटा सा देश विश्व में सुखद जीवन की दृष्टि से गत दो वर्षों से सबसे आगे चल रहा है , विएतनाम और कम्बोडिआ , द्वितीय और तृतीय स्थान पर हैं . सबसे आगे चलने वाला देश अमेरिका विश्व के देशों में 105वें स्थान पर आता है. तुलनात्मक दृष्टि से भारत की स्थिति भी काफी अच्छी है जो मध्यम जीवन प्रत्याशा के बावजूद भी विश्व के 151चयनित देशों में 32वें स्थान पर आता है .
हम में से बहुत से लोग यह जानना चाहेंगें कि वास्तव में व्यवहारिक जीवन स्तर पर इसका क्या अभिप्रायः है . इस वर्ष अपनी विदेश यात्रा के दौरान मैं अमेरिका के साथ- साथ एक माह कोस्टा रीका में भी रहा . इसमें संदेह नहीं कि अमेरिका बहुत ही सुन्दर और सुखद देश है पर
वहाँ का जीवन काफी यांत्रिक और तकनिकी पूर्ण है. जीवन स्तर बहुत महंगा है , उसे जीने के लिए लोगों को काफी धन कमाने की आवश्यकता होती है जिसके कारण हर व्यक्ति एक अवांछित दौड़ में लगा रहता है . इनकी तुलना में कोस्टा रीका में जीवन सुगम है, मध्यम और अल्प आय वर्ग के लोग भी यहां मिल जाएंगे , जीवन अपेक्षाकृत आसान है , भाग-दौड़ कम है , अमेरिका की तुलना में जीवन स्तर कम महंगा है. जीवन -प्रत्याशा 79.3वर्ष है , लोग खुश और मस्त रहते , जीवन में बहुत अधिक प्रतिस्पर्धाएं भी नहीं दिखाई पड़ती हैं . सबसे बड़ी बात वहां की सुखद जलवायु है , वर्ष भर 25से 30डिग्री से. ग्रे. तापमान रहता है जो बहुत ही आनन्द दायक है , ए सी , कूलर की आवश्यकता नहीं , एक हलके से कोट या जैकेट से भी काम चल जाता है . चौबीसों घंटों ठंडी ठंडी हवाएँ चलती हैं , चारों और हरियाली ही हरियाली रहती है , स्वांस वायु बहुत ही शुद्ध और साफ़ है जिससे स्वास्थ अच्छा रहता है और थकान नहीं होती है. इसे वे लोग बहुत आसानी से समझ सकते हैं जो भारत में नैनीताल या उसके समकक्ष उंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ समय रहें हों , स्वांस - वायु शुद्ध हो तो थकान नहीं होती है . कोस्टा रीका तो ज्वाला मुखियों से भरा हुआ है फिर भी इतनी हरियाली इस लिये है क्योंकि वहां की सरकार वहां की जैवीय विविधिता को बहुत ही संभाल कर रखती है. यह एक अनोखा देश है जिसने 1948 से अपनी सेना भंग कर दी और सेना पर व्यय होने वाला सारा धन अपनी हरियाली को अक्षुण बनाये रखने और शिक्षा पर व्यय किया है , उनके अधिकाँश विद्युत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बनाई जाती है .
पीपल के पेड़ का महत्व हम जानते हैं , वह हमारी दूषित स्वांस वायु को शुद्ध करता है , नाइट्रोजन निष्प्रभावी बनाता है , यही काम हरियाली भी करती है , कोस्टा रीका में आपको भरपूर हरियाली मिलेगी . उनका लक्ष्य है 2021 तक अपने देश को पूर्ण नाइट्रोजन तथस्थ बना देना है , यदि वे यह कर ले गए तो वे विश्व के प्रथम राष्ट्र होंगें जो इस लक्ष्य को प्राप्त कर पायेंगें . बहुत दिनों तक स्विट्ज़रलैंड को विश्व का सबसे हरा भरा देश कहा जाता था और कोस्टा रीका को लैटिन अमेरिका का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता था, अब तो वह उससे भी आगे निकल गया .
इतनी अच्छी जलवायु का असर उनकें जीवन पर साफ़ दिखाई पड़ता है , वहां लोग हष्ट -पुष्ट , परिश्रमी , प्रसन्न स्वभाव के हैं , खाते पीते मस्त , उत्सव समारोह में बहुत बढ़-चढ़ कर भाग लेने वाले हैं. चूँकि कोस्टा रीका स्वतंत्रता से पूर्व एक स्पेनी उपनिवेश था . अतः उनकीं भाषा स्पेनी है और उनके जीवन पर स्पेनी संस्कृति और उन्मुक्तता का प्रभाव भी है . मेरा एक माह वहां बहुत अच्छा व्यतीत हुआ .

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 504

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 21, 2014 at 11:23pm

//कभी दिल्ली - एन. सी. आर . आते हों तो अवश्य देखते होंगे की हमने इस क्षेत्र को क्या बना दिया , शायद ही कोई जीवधारी एक सांस अच्छी तरह ले सके . पता नहीं कब जागेँगेँ , जागेँगेँ भी कि नहीं ? फिर स्व के लिए चौबीसों घंटों जागने वालों को कोई जगाये भी तो क्या जगाये//

खूब देखा है, आदरणीय. उसी दिल्ली और एनसीआर में भी कई सालों तक रहने का अवसर मिला है. आपकी बातों से पूरी तह से सहमत हूँ.  सही कहा है आपने आदरणीय, ’स्व’ के लिए चौबीसों घण्टों जागने वालों को कोई गाये भी तो क्या जगाये !

सादर

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 21, 2014 at 11:11pm
आदरणीय डॉ o सौरभ पाण्डेय जी ,
आपकी टिप्पणी आपकी गंभीरता का परिचय देती है , आपके प्रत्येक शब्द के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आज विश्व में बहुत से लोग बहुत गंभीरता से आद्योगिक , तकनिकी और तरंग उपलब्धियों के बीच मनुष्य के दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन के लिए पर्यावरण को शुद्ध बनाये रखने के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं और बहुत कुछ त्यागने को तैय्यार हैं क्योकि अगर आदमी स्वस्थ और खुशहाल नहीं होगा तो ये तमाम विज्ञान किस काम का ? कभी दिल्ली - एन. सी. आर . आते हों तो अवश्य देखते होंगे की हमने इस क्षेत्र को क्या बना दिया , शायद ही कोई जीवधारी एक सांस अच्छी तरह ले सके . पता नहीं कब जागेँगेँ , जागेँगेँ भी कि नहीं ? फिर स्व के लिए चौबीसों घंटों जागने वालों को कोई जगाये भी तो क्या जगाये।
अच्छा लगा , आपसे बात करके . सादर .

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 15, 2014 at 7:45pm

कोस्टारिका के संदर्भ को लेकर वायुमण्डल में नाइट्रोजेन तटस्थता के साथ-साथ पर्यावरण और दैनिक जीवनचर्या को इतने आत्मीय ढंग से साझा करना आपके आलेख को बहुआयामी बना रहा है आदरणीय विजय शंकर जी.
भारत जैसे देश के लोगों के द्वारा, जहाँ जीवन-पद्धति प्रकृति के साहचर्य में ही संयमित और संतुलित मानी जाती है, आलेख के तथ्यों को आसानी से समझा जाना चाहिये. आपकी इस तथ्यात्मक प्रस्तुति के लिए मैं आपका सादर वन्दन करता हूँ.
इस आलेख हेतु सादर आभार और शुभकामनाएँ

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 11, 2014 at 1:01am
आदरणीय डॉ o गोपाल नारायण जी , आपकी प्रसंशा के लिए आभार .
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 10, 2014 at 3:11pm

आदरनीय

इतनी अच्छी जाकारी साझा करने के लिए आपको ह्रदय से धन्यवाद i सादर i

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 10, 2014 at 9:25am
आपको कुछ उपयोगी जानकारी मिली , लेख को सार्थकता मिली . बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय शर्देन्दु जी .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on July 10, 2014 at 1:24am
मूल्यवान जानकारी मिली आपकी प्रस्तुति से आदरणीय डॉ विजय शंकर जी. सादर आभार.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service