कृष्ण पक्ष की अष्टमी ,मध्यरात का काल
मथुरा में पैदा हुआ ,मोहक छवि का बाल ||
कृष्ण लला की झाँकियाँ ,करती भाव विभोर
आई जो जन्माष्टमी ,धूम मची चहुँ ओर ||
पुत्र देवकी वासु के ,पले यशोदा धाम
तारे सबकी आँख के,कृष्ण रखा था नाम ||
दोस्त सुदामा कृष्ण से ,देकर गए मिसाल
शासक,सेवक का मिलन,करता सदा कमाल ||
कृष्ण बचाने द्रौपदी ,अब तो लो अवतार
दुशासन हैं,गली गली , करते अत्याचार ||
युग पुरुष श्री कृष्ण थे कर्मयोगी महान
सारी मानव जाति को दे गए गीता ज्ञान ||
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.............मौलिक व अप्रकाशित.............
Comment
आदरणीय गोपाल सर हार्दिक आभार ...सादर
आदरणीय विजय जी हार्दिक आभार ,हौंसला बढ़ाते रहें
आ० सविता बहन इन बेहतरीन दोहों के लिए हार्दिक बधाई .
सुंदर दोहे रचे है आद सरिता भाटिया जी | बधाई -
कृष्ण पक्ष की अष्टमी ,मध्यरात का काल
मथुरा में पैदा हुआ ,मोहक छवि का बाल || - मोहक छवि ले बाल | अधिक उपयुक्त और सम्मानजनक रहेगा
पुत्र देवकी वासु के ,पले यशोदा धाम ----------- कुछ लय भंग भी लगती है | "वासु देवकी पूत है, पले यशोदा धाम" देखे कैसा रहेगा
तारे सबकी आँख के,कृष्ण रखा था नाम ||
सादर
बहुत सुंदर दोहे आदरणीया सरिता जी. कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
कृष्ण बचाने द्रौपदी ,अब तो लो अवतार
दुशासन हैं,गली गली , करते अत्याचार ||
कम से कम यह पुकार सुन लें श्री कृष्ण!
बहुत सुंदर दोहवाली .... बधाई
आदरणीया
अच्छे दोहे है i प्रारंभ बहुत प्रभावशाली है i
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