खुद का भी अहसास लिखो!
एक मुकम्मल प्यास लिखो!!
उससे इतनी दूरी क्यों !
उसको खुद के पास लिखो !!
खाली गर बैठे हो तुम!
खुद का ही इतिहास लिखो !!
गलती उसकी बतलाना !
खुद का भी उपहास लिखो!!
हे ईश्वर ऊब गया हूँ!
मेरा भी अवकाश लिखो!!
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राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित
Comment
बहुत बहुत आभार आदरणीय bhai Pawan Kuma जी
बहुत बहुत आभार आदरणीय Dr Ashutosh Mishra जी
बहुत बहुत आभार आदरणीया MAHIMA SHREE जी
बहुत बहुत आभार आदरणीया Dr.Prachi Singh जी
बहुत बहुत आभार आदरणीया Sarita Bhatia जी
बहुत बहुत आभार आदरणीय laxman dhami जी
बहुत बहुत आभार आदरणीया कल्पना जी
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