छुपा ना सकोगे मेरी चाहत को
यूँ नजरें चुराने से
धडकता है दिल तुम्हारा
मेरे ही बहाने से
पलभर का ही साथ है
या पल दो पल की बात है
यूँ ही तो नही
तुमसे हुई मुलाकात है
धडकता है दिल मेरा
तेरी ही धड़कन से
मौन है सारे शब्द
बोलते नयन है नयन से
बहुत सम्हाला इस दिल को
पर होकर रहा बेकाबू
दिल के हाथों है मजबूर
जा नही सकते तुझसे दूर
जाने किससे हुई खता
जाने किसका है क़ुसूर
सरिता पन्थी "मौलिक व अप्रकाशित "
Comment
सुंदर प्रस्तुति प्रयास के लिए बधाई सरिता पंथी जी
आ. somesh kumar जी एवं आ. Hari Prakash Dubey जी शुक्रिया और आशा करती हु आप सभी के सहयोग से मुझे बहुत कुछ सिखने को मिलेगा
अच्छा प्रयास है ..हार्दिक बधाई !
वाह
जादू तेरी नजर---
नयनों ने कहा /नयनों ने सुना
नयन टकटकी लगाए थे
नयनों की नजर तेज़ लगी
नयन मिले तो घबराए थे |
नयनों ने बांधे बंध
नयनों से बही नदी
नयन पल भर के छल
नयनों में पूरी सदी |
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