(मौलिक व अप्रकाशित)
पिछला पोस्ट => अतुकान्त कविता : पगली
Comment
अति सुन्दर लघु कथा। बधाई।
सादर नमन, सर. लघुकथा में आपका अनुभव, बहुत कसावट के साथ उभर कर आता है. आपकी लेखनी को नमन, ह्रदय से बधाई स्वीकार कीजियेगा
प्रिय नीरज मिश्रा जी, आपके विचारों का हृदय से स्वागत है, लघुकथा पर आपकी टिप्पणी उत्साहवर्धन करती है, बहुत बहुत आभार ।
आदरणीय जवाहर लाल जी, आपकी टिप्पणी सदैव मुझे प्रोत्साहित करती है, बहुत बहुत आभार।
सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय श्याम नारायन वर्मा जी।
आदरणीय सर ,बहुत ही सुन्दर लघुकथा है,हार्दिक बधाई आपको !!
आदरणीय बागी जी
गालियों संग धमकियों का दौर चालू हो गया था i वाह----- इस पंच लाईन ने कमाल कर दिया i क्रांतिकारी लेखन ऐसा ही होता है i मुक्तिबोध ने जब 'अँधेरे में' फैंटेसी लिखी तो नेहरू की नीतियों की मुखर आलोचना के कारण उसे जब्त कर लिया गया i बाद मेंजयपुर कोर्ट के आदेश पर विवादित अंश हटाकर उसे छापा गया i यह रचना विवादित अंश हट जाने पर भी अपने नए रूप में आज तक राजनेताओ को डराती है i सादर i
आदरणीय Er. Ganesh Jee "Bagi" जी लघु कथा 'सुकून ' वास्तव में दिल को छूने वाली अनुभूति को अपने में समेटे है ।किसी हद तक मैं आदरणीय नीरज मिश्रा जी के वक्तव्य से सहमत हूँ। इस सुंदर संदेशात्मक लघु कथा की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
आदरणीय बागी सर . इस सुंदर संदेशप्रद लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online